खट्टर सरकार किसानों के हितों की अनदेखी करके उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है- योगेन्द्र यादव

27 September, 2019, 6:14 pm

नई दिल्ली, 27 सितंबर। सरकार सूखे से फसल के नुकसान का पूरा मुआवजा किसानों को दे ।फसल बीमा योजना में कवर होने वाले किसानों को बीमा राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाये।सरकार धान की खरीद MSP पर सुनिश्चित करे ताकि किसानों को अगली फसल की बुआई में कोई कठिनाई न आये।

योगेन्द्र यादव ने शुक्रवार  को हरियाणा से आए कुछ किसान प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि  हरियाणा सरकार सूखे से निपटने के प्रति हमेशा उदासीन रही है. सूखे से त्रस्त किसानों के प्रति सरकार कभी गम्भीर नहीं हुई. सूखे की मार झेल रहे किसानों के प्रति सरकार का पुराना रिकॉर्ड भी काफी ख़राब रहा है। वर्ष 2017 में देश भर के अधिकांश राज्य, जिसमें हरियाणा भी एक थी, सूखे की मार झेल रहे थे। उस समय भी हरियाणा सरकार  सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर सूखे की बात को नकारती रही। यादव ने कहा कि जब स्वराज अभियान ने केंद्रीय मौसम विभाग के डाटा को कोर्ट के सामने रखा और कोर्ट ने राज्य सरकार  को फटकार लगाई तब जाकर कहीं राज्य सरकार ने दिखावटी कार्रवाई  की। इस बार भी मौजूदा मानसून सीजन में हरियाणा प्रदेश में औसत से -43% कम वर्षा हुई है। लेकिन सरकार की ओर से इस कमी  वजह से किसानों की फ़सलों पर पड़े असर से निपटने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया गया.

किसान प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए स्वराज इंडिया के हरियाणा अध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री एक ऐसी लोकलुभावनी तस्वीर जनता के सामने पेश कर रहे हैं जो हकीकत से कोसों दूर है. बीते कई साल से हरियाणा के कई जिले सूखे की चपेट में होते है। परंतु राज्य सरकार अभी तक सूखे से निपटने के लिए कोई भी ठोस नीति लेकर नहीं आई  है। गोदारा ने कहा कि किसानों का हितेशी होने का दावा करने वाली खट्टर सरकार अगर सच में किसानों के हितों के बारे में सोचती है तो उसे चुनाव आचार सहिंता लागु होने के बहाने की आड़  नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता मेहनतकश किसानों के साथ हो रहे अन्याय को समझ रही है और आने वाले विधानसभा चुनावों में सरकार को धरती पर ला पटकेगी.