मुख्यमंत्री ने 550वें प्रकाश पर्व के साझे जश्न मनाने के लिए आये गतिरोध के हल के लिए नये फार्मूले का प्रस्ताव पेश किया

26 October, 2019, 8:23 pm

चंडीगढ़, 26 अक्तूबर:श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के जश्न साझे तौर पर मनाने के लिए आये गतिरोध के हल के लिए एक अन्य पहल करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को प्रस्ताव पेश किया कि शिरोमणि कमेटी 12 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा करवाए जा रहे समागम में शामिल हों जिसमें देश के राष्ट्रपति सम्मिलन कर रहे हैं जबकि 11 नवंबर को होने वाला समागम शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व अधीन हो जिसमें देश के गृह मंत्री के शामिल होने की संभावना है।
यह सुझाव मुख्यमंत्री ने शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल के साथ हुयी मीटिंग में दिया जो आज मुख्यमंत्री की सरकारी रिहायश में उनके बुलाऐ पर हुई थी।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मीटिंग में इस बात पर गंभीरता ज़ाहिर की कि ऐतिहासिक दिवस को मनाने के लिए एकता की कमी महसूस हो रही है जबकि विभिन्न समागमों में देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई मशहूर सख्शियतें शामिल होने जा रही हैं। साझे समागमों के लिए एकता न होने की सूरत में सभी पक्षों के लिए निराशा का सामना करने की संभावना प्रकटाते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पिछले समय में ऐसे समागमों को मनाते समय समूचा सिख भाईचारा एकजुट होता था। उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि पीछे से चली आ रही रिवायतों को तोडऩे से सिख भाईचारे को अपूर्णीय नुक्सान होगा।
भाई लोंगोवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि सुल्तानपुर लोधी में होने वाले समागमों में देश के गृह मंत्री 11 नवंबर और राष्ट्रपति 12 नवंबर को शमूलियत करेंगे। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया 11 नवंबर को गुरुद्वारा साहिब के अंदर लगने वाली शिरोमणि कमेटी की स्टेज को साझी स्टेज बनाया जाये जिसमें राज्य सरकार भी शामिल होगी जबकि 12 नवंबर को राष्ट्रपति की शमूलियत वाले समागम की मेज़बानी राज्य सरकार द्वारा की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव से संगत में मुख्य समागमों में आई उलझन वाली स्थिति भी दूर होगी और इससे सिख भाईचारे में आपसी एकता का सकारात्मक संदेश भी जायेगा।  
प्रवक्ता ने बताया कि भाई लोंगोवाल ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि शिरोमणि कमेटी इस प्रस्ताव पर गौर करेगी और जल्द ही इसका जवाब देगी।