कोरोना महामारी से निपटने के लिए मनरेगा का बजट तीन गुना बढ़ाया जाए और गांवों के विकास का रोडमैप लाए : वेद प्रकाश विद्रोही
गुरूग्राम, 3 मई 2020 । केन्द्र सरकार कोरोना महामारी के दौरान किसान, मजदूर,गरीब, छोटे व्यापारियों को संकट से निकालने के लिए आर्थिक पैकेज देने से अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही हैं,आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत यह केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी थी कि कोरोना महामारी के समय आम लोगों को आर्थिक पैकेज व सुविधाएं देने के लिए एक निश्चित योजना सरकार सामने रखती।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि केन्द्र सरकार ने लगातार तीसरी बार लॉकडाउन को बढ़ाया हैं अब तीसरा चरण 17 मई तक चलेगा , उन्होंने कहा कि देश के सभी जिलों को रैड जोन, ओरेंज जोन व ग्रीन जोन में बांटा गया हैं , ओरेंज व ग्रीन जोन में लॉकडाउन में कुछ ढील दी, जिसके तहत ग्रीन व ओरेंज जोन में सुबह 7 बजे से सांय 7 बजे तक लोग कुछ शर्तो के साथ बाहर निकल सकेंगे व ग्रीन जोन वाले जिलों में व्यापारिक गतिविधियां भी शुरू की गई है।
केन्द्रीय गृहमंत्रालय के ताज़ा निर्देशों के अनुसार रेवाड़ी और महेन्द्रगढ़ जिले ग्रीन जोन में है जबकि हरियाणा सरकार के अनुसार चरखी-दादरी व कैथल, फतेहाबाद जिले को भी ग्रीन जोन में रखा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने डिजास्टर मैनेजमैंट कानून 2005 के तहत तीसरी बार लॉकडाउन तो बढा दिया, लेकिन मोदी सरकार इस कानून के तहत प्रदत अधिकारों का प्रयोग करके सभी राज्यों को अपने निर्देश तो मनवा रही है, पर सरकार इस कानून के तहत अपनी जवाबदेही व जिम्मेदारी से भाग रही है।
जरूरत इस बात की हैं कि कोरोना आपदा में आम लोगों को आर्थिक पैकेज व सुविधाएं देने के लिए के निश्चित योजना सरकार सामने रखती। पर आमजनों को आर्थिक पैकेज देने व दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का समाधान रखने एकबार भी कोई रोडमैप सामने नही रखा जो साफ तौर पर अपनी संवैद्यानिक जिम्मेदारी से भागना है। केन्द्र सरकार किसान, मजदूर, गरीब, छोटे व्यापारियों, छोटे उद्योगपतियों व विभिन्न सैक्टरों को इस संकट के दौर से निकालने के लिए न तो अभी तक स्पष्ट आर्थिक पैकेज दिया है और न ही कोई रोडमैप सामने रखा। मोदी-भाजपा सरकार का रवैया बताता है कि वह दिगभ्रमित है और लोगों की समस्याओं का उचित समाधान करने व आर्थिक पैकेज देने की बजाय जुमलेबाजी से अपनी जवाबदेही से भागकर लोगों को ठग रही है।
विद्रोही ने कहा कि केन्द्र सरकार हो या हरियाणा की भाजपा सरकार हो, दोनो लोगों को राहत देने की बजाय लोगों पर ही अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक बोझ लादकर लोकडाउन में व उसके बाद उसकी आर्थिक कमर तोड रही है। विद्रोही ने कहा कि लाखों प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों से पलायन करके क्या तो अपने गांवों में पहुंच गए है, या पहुंचने की प्रक्रिया में है। पर अभी तक गांवों में लौटे इन मजदूरों को रोजगार देने के लिए आज तक केन्द्र सरकार ने न तो मनरेगा बजट बढाया है और न ही ग्रामाीण विकास का रोडमैप सामने रखा है। विद्रोही ने मांग की हैं कि मनरेगा बजट को तीन गुणा बढाने के साथ केन्द्र सरकार ग्रामीण विकास का रोडमैप रखे और गरीब, मजदूर, आदिवासियों व जरूमंदों के लिए घरों में तत्काल तीन माह का राशन, दाल, चावल, गेंहू, नमक, मिर्च, हल्दी,गरीब, तेल, साबुन आदि मुफ्त पहुंचाकर अपनी संवैद्यानिक जवाबदेही निभाये। वहीं विद्रोही ने हरियाणा सरकार से अपील की कि सरकार द्वारा सहायता सही व्यक्तियों के पास पहुुंचे, कोई धांधली न हो, इसके लिए आवश्यक है कि हर जिले में उपमण्डल, तहसील, ब्लॉक व गांव, नगर निकाय, वार्डो में सर्वदलीय निगरानी समिति बनाये क्योंकि हरियाणा में गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन-राशन व आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के काम के नाम पर धांधलिया हो रही है और सत्ता के दलाल गरीबों के हकों पर डाका डाल रहे है।
विद्रोही ने कहा कि मोदीजी ने अपने मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह को इस संकट के दौर में पूरे हरियाणा की निगरानी का इंचार्ज बनाया। उन्होंने इतनी शानदार निगरानी की कि लोगों को भोजन, राशन दिलवाना तो दूर उनके खुद के गांव रामपुरा-रेवाड़ी में जरूरमतंदों को सरकार द्वारा दिये जाने वाला मुफ्त राशन तक नही मिला। जब केन्द्रीय मंत्री के खुद के गांव का यह हाल है तो सरकार ने लोगों के लिए क्या गत बनाई है, इस पर कुछ टिप्पणी भी बेमानी है।