#Covid-19 कोरोना को अपने जीवन में उत्साह और जोश पर हावी न होने दें: मुख्यमंत्री

12 July, 2020, 10:50 pm

चंडीगढ़, 12 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितताओं को अपने जीवन में उत्साह और जोश पर हावी न होने दें, बल्कि इस संकट के समय से उबरने के लिए इस स्थिति को अवसर में बदलना होगा और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना होगा।

         मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘कोविड -19 चुनौतियां और अवसर’ थीम पर आयोजित वेबिनार ‘मुख्यमंत्री के साथ मंथन’ में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन यूथ फॉर न्यू हरियाणा द्वारा किया गया था। वेबिनार में राज्य, देश तथा विदेशों से सभी क्षेत्रों के 400 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें चिकित्सा, कानून, उद्योग जैसे क्षेत्रों से जुड़े पेशेवर के साथ-साथ शिक्षाविद, पर्यावरणविद्, किसान और छात्र भी शामिल थे।

         प्रतिभागियों ने कोविड-19 से निपटने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे समर्पित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य बेहतर स्थिति में है। प्रतिभागियों ने अपने सुझाव और प्रतिक्रियाएं भी दी और सरकार से कोरोना चुनौती से पार पाने के लिए और अधिक अभिनव व मजबूत उपाय करने का आग्रह किया।

        वेबिनार में प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान एक प्रतिभागी द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर संकट एक अवसर भी अवश्य लेकर आता है और राज्य सरकार ने पूर्व-कोविड और पोस्ट-कोविड दोनों ही परिदृश्यों में बहुत सी नई पहलें की हैं। इसके साथ ही उन्होंने आगामी योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी दी।

        कोविड-19 संकट के बाद राज्य भर में विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले छात्र शैक्षणिक रूप से प्रभावित न हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा छात्रों के लिए विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों और टेलीविजन के माध्यम से 70 लाख छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं आयोजित की जा रही हैं।

        कोरोना महामारी के चलते विदेशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के हरियाणा वापिस लौटने के मद्देनजर प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा शिक्षा हब के रूप में जाना जाता है और सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे सभी छात्रों को राज्य के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिले।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा से है, जबकि हरियाणा की जनसंख्या देश की जनसंख्या का केवल 2 प्रतिशत है। इसके अलावा, हरियाणा ने न केवल कृषि क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन किया है, बल्कि एक खेल हब के रूप में भी विकसित हो रहा है और औद्योगिक क्षेत्र में भी एक अलग पहचान बनाई है।

         सामाजिक समरसता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए राज्य सरकार के कदमों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईचारे की भावना को बढ़ाते हुए हमने 'हरियाणा एक हरियाणवी एक' का नारा दिया था और समाज के विकास के लिए प्रदेशवासियों को जातिवाद को खत्म करने में मदद करने का आग्रह किया था। मुझे खुशी है कि लोगों ने इसे समझा है।

         मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान  युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन स्थानांतरण नीति ने भ्रष्टाचार को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

         उन्होंने कहा कि युवाओं को कुशल और रोजगार के काबिल बनाने के लिए प्रदेश में अपनी तरह का पहला श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। इसके अलावा, राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए भी सक्षम योजना शुरू की गई, जिसके तहत युवाओं को 100 घंटे के काम के लिए 9 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है।

         उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को भूमि के साथ जल विरासत में देने के लिए जल संरक्षण के उद्देश्य से फसल विविधिकरण के तहत मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, फसल विविधिकरण को अपनाने वाले किसानों को सरकार की ओर 7 हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि अब तक 1,22,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए किसान अपनी सहमति दे चुके हैं, जबकि वास्तविक लक्ष्य एक लाख हेक्टेयर था।

         कोविड-19 संकट से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी की मदद से राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन लोंगों के पास राशन कार्ड नहीं थे ऐसे लोगों को डिस्ट्रेस राशन टोकन (डीआरटी) वितरित कर उन्हें राशन उपलब्ध करवाया गया ताकि इस संकट के समय में प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे।

         उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में राज्य सरकार के आह्वान पर डॉक्टर और पैरामेडिक्स सहित 70,000 स्वयंसेवक समाज सेवा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।