कांग्रेस ने शहीदों की पत्नियों और सेना पर भाजपा नेताओं की अपमानजनक टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए 

26 May, 2025, 12:22 am

 

नई दिल्ली, 25 मई कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भाजपा नेताओं द्वारा शहीदों, उनके परिवारों और सेना का लगातार अपमान करने के लिए माफी की मांग की है। 

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष सहित पार्टी नेतृत्व की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बेशर्मी और हताशा में देश के सैनिकों की बजाय ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने का प्रयास कर रहे हैं। 

लांबा ने भाजपा नेताओं के कुछ वीडियो दिखाए, जिनमें एक सांसद, मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और एक मंत्री स्पष्ट रूप से शहीदों, उनके परिवारों एवं भारतीय सेना का अपमान करते हुए सुने जा सकते हैं।

नवीनतम बयान में हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सांसद राम चंद्र जांगड़ा ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों की पत्नियों में वीरांगनाओं जैसा साहस और जज़्बा नहीं था। उन्होंने कहा है कि अगर महिलाएं हाथ जोड़ने की बजाय आतंकियों का मुक़ाबला करतीं तो कम लोग मरे होते। उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ भाजपा की ट्रोल सेना द्वारा किए गए दुर्व्यवहार व ट्रोलिंग का भी उल्लेख किया और कहा कि यह सब केवल इसलिए हुआ क्योंकि वे सरकार का दृष्टिकोण रख रहे थे। इसी तरह, उन्होंने बताया कि पहलगाम में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की विधवा हिमांशी नरवाल को सिर्फ इसलिए ट्रोल किया गया, क्योंकि उन्होंने सद्भाव की अपील की थी। 

महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष सहित पार्टी नेतृत्व की चुप्पी है। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा, क्योंकि एक मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी गठित की गई है, लेकिन भाजपा के पास अपने नेताओं जैसे कि मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री विजय शाह व सांसद राम चंद्र जांगड़ा का बचाव करने और उन्हें संरक्षण देने का क्या नैतिक आधार है।

लांबा ने कहा कि ये सभी नेता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हैं, जिन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि एक व्यापारी एक सैनिक से ज्यादा बहादुर और साहसी होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस बयान की रिकॉर्डिंग भी सुनाई। 

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपनी पार्टी की मांग दोहराते हुए उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की। उन्होंने पूछा कि अगर विपक्षी सांसदों को विदेशों में भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए भेजा जा सकता है, तो अपने देश में संसद का सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता, ताकि देश को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की पूरी जानकारी मिल सके। 

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पुंछ के पास नियंत्रण रेखा के नजदीक रहने वाले लोगों की शिकायतों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में उनका जिक्र तक नहीं किया। 

लांबा ने कहा कि इसके विपरीत लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस अवधि के दौरान लोगों, खासकर आतंकी हमले और पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी के पीड़ितों के प्रति एकजुटता व समर्थन व्यक्त करने के लिए दो बार जम्मू-कश्मीर का दौरा किया।