M.Devaraj IAS ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर की समस्याओं को लेकर प्रवर्तन के लिए जारी किए विशेष निर्देश

26 May, 2025, 11:10 pm

M.Devaraj IAS: All India Transporter's Welfare Association:All India Motor Transport Congress

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (रजि.), एआईएमटीसी, एआईजीटीए और अन्य प्रमुख परिवहन संगठनों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने श्री एम. देवराज (आईएएस), अपर मुख्य सचिव (कर), उत्तर प्रदेश से भेंट की। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में, रचनात्मक और समाधान-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आयोजित हुई, जिसमें सभी पक्षों ने सक्रिय भागीदारी की

 एआईएमजीटीए (रजि.) द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे:
    1.    अनावश्यक चेकिंग और गाड़ियों की रोक-टोक से लॉजिस्टिक्स और व्यापार में बाधा।
    2.    छोटे व सीमांत ट्रांसपोर्टरों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार और उत्पीड़न।
    3.    ‘ब्लैकमेलर नेक्सस’ – नकली बैरिकेड और बिचौलियों द्वारा अवैध वसूली।
    4.    दस्तावेजों की बिना जाँच किए गाड़ियों को ज़ब्त करना।
    5.    ड्राइवरों के साथ डराना-धमकाना और दुर्व्यवहार।
    6.    चेकिंग प्वाइंट्स पर ढांचागत सुविधाओं की कमी – सामान की क्षति।
    7.    जुर्माना केंद्रित प्रवर्तन नीति – छोटी-छोटी गलतियों पर भारी जुर्माना।
    8.    बड़े करचोरों और जोखिम वाले सामान ढोने वालों को संरक्षण।
    9.    मौखिक जुर्माना सौदे – रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा।
    10.    पुरानी ट्रांसपोर्ट फर्मों का बंद होना – निरंतर उत्पीड़न और असमान कार्यवाही के चलते।
    11.    गाड़ियों के जब्ती के दौरान ड्राइवरों के लिए न शौचालय, न पानी, न आराम की व्यवस्था।

 प्रवर्तन के लिए विशेष निर्देश:
एआईएमजीटीए (रजि.) के अनुरोध पर, एसीएस श्री एम. देवराज (आईएएस) ने नोएडा के अतिरिक्त आयुक्त श्री संदीप भाग्य (आईएएस) को निम्न निर्देश दिए हैं, जिनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा:
    •    गाड़ी की ज़ब्ती केवल पूर्ण दस्तावेज़ों की निष्पक्ष जाँच के बाद ही की जाए। अगर दस्तावेज़ सही हों तो गाड़ी न रोकी जाए।
    •    अगर कंट्रोल रूम में किसी व्यक्ति की शिकायत गलत साबित होती है, तो भविष्य में उसकी शिकायतों को गंभीरता से न लिया जाए।
    •    जो गाड़ियाँ ज़ब्त की जाती हैं उनकी तुरंत और समयबद्ध जाँच की जाए।
    •    बसों अथवा यात्री वाहनों की जांच प्रस्थान स्थल या अंतिम गंतव्य पर की जाए, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो और कानूनी कार्यवाही भी हो सके।
    •    गाड़ी ज़ब्त होने पर ड्राइवर की दैनिक आवश्यकताओं जैसे – पानी, भोजन, और शौचालय की व्यवस्था की जाए।
    •    सामान की खुले आसमान के नीचे जांच न की जाए, खासकर नाशवान या नाजुक वस्तुओं की सुरक्षा हेतु छायायुक्त स्थानों पर चेकिंग की व्यवस्था हो।

एसीएस द्वारा दिया गया आश्वासन:
बैठक में श्री देवराज ने पूरी गंभीरता से सभी बिंदुओं को सुना और यह सुनिश्चित किया कि:
    •    वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इन मामलों की जांच और समाधान हेतु निर्देश दिए गए हैं।
    •    चेकिंग प्वाइंट्स पर बुनियादी ढांचे जैसे पार्किंग, छाया, एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
    •    ड्राइवरों और स्टाफ के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित किया जाएगा।
    •    प्रवर्तन प्रणाली में पारदर्शिता और न्यायसंगत दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में उपस्थित सदस्य:
    •    एआईएमजीटीए (रजि.) से: राजेन्दर कपूर (अध्यक्ष), देवेंद्र सिंह, अर्बिंदर सिंह, अरुण बंसल, ईश्वर गिरी, सुरेश आहूजा
    •    एआईएमटीसी से: एस. के. मित्तल, कुलतरन सिंह, नवीन गुप्ता
    •    एआईजीटीए से: सुनील अत्री, राजेश कपूर

 एआईएमजीटीए (रजि.) की प्रतिबद्धता:
ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (रजि.) सरकार के साथ मिलकर निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने हेतु कटिबद्ध है:
    •    नैतिक कर अनुपालन।
    •    भ्रष्टाचार का समूल उन्मूलन।
    •    एक पारदर्शी, न्यायपूर्ण और स्थायी परिवहन तंत्र की स्थापना।
हमें विश्वास है कि प्रशासन और हितधारकों के बीच निरंतर सहयोग और आपसी सम्मान का यह प्रयास उत्तर प्रदेश में एक प्रभावशाली, ईमानदार एवं भ्रष्टाचार-मुक्त लॉजिस्टिक्स वातावरण तैयार करेगा।