Chenab Bridge दुनिया के सबसे ऊँचे रेल आर्च ब्रिज की लोग ले रहे हैं गर्व से तस्वीरें ...

8 June, 2025, 7:44 pm

Chenab Bridge: Capturing Hearts from Cloud to Valley

The 359-metre-high Chenab Bridge is the world's highest railway arch bridge

 आसमान और ज़मीन दोनों पर चल रही है भारतीय इंजीनियरिंग की धूम मची है कश्मीर घाटी के ऊपर  उड़ते जहाज़ों  से लोग  गर्व से तस्वीरें  ले रहे है । जैसे ही फ्लाइट्स के पायलट  अनाउंसमेंट करते है  यात्री  खिड़कियाँ खोलकर   दुनिया के सबसे ऊँचे रेल आर्च ब्रिज की तस्वीरें क्लिक कर रहे है । भारतवासी के लिए गर्व का पल है ...इन दिनों जो भी विमान जम्मू-कश्मीर की वादियों के ऊपर से उड़ रहा है, उसमें एक खास पल ज़रूर देखने को मिल रहा है। जैसे ही फ्लाइट चेनाब घाटी के ऊपर पहुंच रही है, पायलट यात्रियों को अनाउंसमेंट कर बता रहे हैं कि नीचे दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज — चिनाब ब्रिज दिखाई दे रहा है।

विमान के भीतर गर्व का माहौल

पायलट की आवाज़ सुनते ही यात्री अपनी खिड़कियाँ खोल रहे हैं, मोबाइल कैमरे ऑन कर रहे हैं और इस ऐतिहासिक ब्रिज की तस्वीरें और वीडियो ले रहे हैं। विमान के भीतर गर्व का माहौल बन रहा है, लोग तालियाँ बजा रहे हैं और भारत के इंजीनियरों की तारीफ कर रहे हैं।उधर ज़मीन पर भी लोग पीछे नहीं हैं। आसपास के गाँवों और पहाड़ी इलाकों से लोग ब्रिज की तस्वीरें और वीडियो ले रहे हैं। कई लोग लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं, तो कुछ इसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर तुरंत साझा कर रहे हैं। 

आजकल आसमान में उड़ते फ्लाइट्स चिनाब ब्रिज के दर्शन की खिड़की बनती जा रही हैं — और ज़मीन पर खड़े लोग भी उस पल को अपने कैमरे में संजो रहे हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को बताएंगे कि कैसे भारत ने पहाड़ों को चीर कर इतिहास रचा।

चिनाब ब्रिज,दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज

चिनाब ब्रिज, जो यूएसबीआरएल (उधमपुर-श्रीनगर -बारामूला रेल लिंक) परियोजना का हिस्सा है, दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज है। नदी के तल से 359 मीटर ऊपर की ऊंचाई पर मौजूद है। सलाल डैम के निकट चिनाब नदी पर बना यह ब्रिज 1,315 मीटर लंबा है। इसका मुख्य आर्च 467 मीटर लंबा है और यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं को झेल सकता है।
ऊंचाई में यह एफिल टावर से 35 मीटर ऊँचा है और कुतुब मीनार से लगभग पाँच गुना ऊंचा है। इस अद्भुत ब्रिज के निर्माण में 28,000 मीट्रिक टन इस्पात का इस्तेमाल हुआ। पहली बार भारतीय रेल द्वारा ब्रिज में एक खास केबल क्रेन सिस्टम लगाया गया, जिससे 915 मीटर चौड़ी खाई को पार करने के लिए दो बड़े केबल कार और 100 मीटर से ऊंचे पाइलन लगाए गए हैं।