केजरीवाल ने आप पार्टी की जीत की स्थिति में लुधियाना पश्चिम में संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाने की घोषणा करके भगवंत मान को रबड़ का मोहरा साबित कर दिया: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया

लुधियाना/15जुलाई: शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान रबड़ का मोहरा बनकर रह गए क्योंकि पार्टी के लुधियाना पश्चिम से उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के उपचुनाव जीतने पर मंत्री बनाने की घोषणा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई है।
अकाली नेता , वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, जिनकी घर वापसी का स्वागत करते हुए कहा कि यह इस बात का संकेत है कि अकाली नेता पंजाब और पंजाबियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एकजुट हो रहे हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों भी उपस्थित थे।
सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि केजरीवाल की घोषणा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भगवंत मान अब केवल नाम के नेता रह गए हैं। उन्होने कहा,‘‘ यह हताशा इस बात का भी संकेत है कि क्योंकि आप पार्टी को एहसास हो गया है कि संजीव अरोड़ा चुनाव हार रहे हैं और इसके साथ ही केजरीवाल के राज्यसभा में जाने की संभावना कम हो रही है।’’
वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि आप पार्टी इसीलिए हार रही है, क्योंकि पंजाबियों को एहसास हो गया है कि दिल्ली माॅडल नाकाम हो चुका है और उनके पास देने के लिए कुछ भी नही है। उन्होने कहा,‘‘ आप सरकार के तहत राज्य पर रिकाॅर्ड एक लाख करोड़ रूपया कर्ज हो गया है, जिससे कुल कर्जा चार लाख करोड़ रूपये हो गया है। राज्य आर्थिक इमरजेंसी का सामना कर रहा है, क्योंकि सरकार अलग अलग विभागों के फंडों को वापिस मांग रही है ताकि कर्ज न चुकाने से बचा जा सके। इसके कारण विकास कार्य पूरी तरह ठप्प हो गया है।’’
सरदार मजीठिया ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र को दी जाने वाली बिजली देश में सबसे मंहगी होने के कारण यह क्षेत्र भी अव्यवारिक होता जा रहा है। उन्होने कहा,‘‘ जबरन वसूली और टाॅरगेट कीलिंग की संस्कृति के साथ साथ अराजकता की स्थिति के कारण घरेलू उद्योगपत्ति दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं।’’
अकाली नेता ने यह भी बताया कि आप सरकार के कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होने कहा,‘‘ सरकारी कर्मचारियों को अपनी पेंशन योजना (ओपीएस) देने का वादा करके इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी की गई थी, लेकिन इसे अभी तक लागू नही किया गया है। इसी तरह महिलाओं को 1000 रूपया प्रति माह भत्ता देने का वादा भी 4 साल से लागू नही किया गया है।’’