सडक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हरियाणा में फोर-ई अर्थात शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और पर्यावरण एवं आपातकाल पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है।  

16 June, 2025, 7:22 pm

 

चण्डीगढ, 16 जून- हरियाणा में  सडक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हरियाणा में फोर-ई अर्थात शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और पर्यावरण एवं आपातकाल पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने  आज य चण्डीगढ में केन्द्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही दो दिवसीय परिवहन क्षेत्रीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र में ये जानकारी दी । उन्होंने कहा कि तकनीक का सहारा लेकर सडक दुर्घटनाओं में कमी लानी है ताकि लोगों की कीमती जान को बचाया जा सकें।

सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी चिंताजनक वृद्धि

श्री विज ने  कहा कि पिछले दो दशकों में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण वाहन यातायात में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी चिंताजनक वृद्धि हुई है। इससे न केवल परिवारों की आजीविका पर असर पडता है बल्कि इनसे दुख और पीड़ा के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी होता है। इसलिए सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री विज ने कहा कि देशभर में एक जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 तक 10 लाख से अधिक सडक दुर्घटनाएं घटित हुई हैं जबकि हरियाणा में इस अवधि के दौरान 23 हजार से अधिक सडक दुर्घटनाएं घटित हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार राज्य सड़क सुरक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए फोर-ई  पर कार्य कर रही है । इसके तहत  शिक्षा , प्रवर्तन, इंजीनियरिंग, पर्यावरण एवं आपातकाल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि परिवहन के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए शिक्षा  एक जरूरी घटक है जबकि प्रर्वतन दायित्व निर्वाह के लिए आवष्यक है। इसी प्रकार, इंजीनियरिंग गाडियों, सडकों इत्यादि से जुडे इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए आवष्यक है तथा पर्यावरण एवं आपातकाल को ध्यान में रखते हुए में आगे बढना है।

भ्रष्टाचार को समाप्त करने और सिस्टम को पुख्ता करने के लिए तकनीक का सहारा 

श्री विज ने  कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें सिस्टम को पुख्ता करने के लिए तकनीक का सहारा लेना होगा ताकि मानव हस्तक्षेप को खत्म किया जा सकें। उन्होंने अपने गृह मंत्री रहते हुए कार्यकाल में डायल 112 के क्रियान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके गृह मंत्री के कार्यकाल के दौरान डायल 112 को क्रियान्वित किया गया और लगभग आठ मिनट में डायल 112 की गाडी दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती थी क्योंकि हमारी पहली डयूटी लोगों की जान बचाना है। इस कार्यषाला में इस प्रकार से कई बेेहतरीन सुझाव आ सकते है। 

हरियाणा सरकार ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना के अंतर्गत विभिन्न पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध- 

हरियाणा सरकार ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना के अंतर्गत विभिन्न पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन में केन्द्रीय मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत हाल के वर्षों में नई सुविधाओं को शामिल किया गया है, जिसमें आधार प्रमाणित ऑनलाइन सेवाएँ, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा, स्वचालित परीक्षण स्टेशन, ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट, संजया पोर्टल और सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस योजना शामिल हैं, जिन्हें हरियाणा में लागू किया गया है। 

प्रत्येक जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए जाएंगें- विज

उन्होंने कहा कि ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत हम व्यापक ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करके, जिम्मेदार ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि यातायात संबंधी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकें। इस उद्देश्य से राज्य के प्रत्येक जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए जाएंगें। वर्तमान में रोहतक, बहादुरगढ़ (झज्जर), करनाल और कैथल में 4 आईडीटीआर संचालित हैं। इसके अलावा, भिवानी में आईडीटीआर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शीघ्र ही इसे चालू कर दिया जाएगा। 

ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट  पोर्टल

 ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट  पोर्टल केन्द्रीय मंत्रालय की एक बेहतरीन पहल है जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना डेटा एकत्रित करना, उसका विश्लेषण करके उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करना और सुधारात्मक उपाय बताकर देश प्रदेश  में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इन दुर्घटनाओं के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए एकत्रित डेटा का विश्लेषण किया जाता है। यह पोर्टल डेटा-संचालित विश्लेषण, नीति-निर्माण और रणनीतिक योजना में सहयोग करता है।

संजया पोर्टल एक लोकेशन इंटेलिजेंस और क्रैश-विजुअलाइजेशन प्लेटफॉर्म है जिसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी ( मद्रास ने केन्द्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में विकसित किया गया है। यह पोर्टल हितधारकों को उच्च आवृत्ति दुर्घटना हॉटस्पॉट और उभरते ब्लैक स्पॉट की पहचान करने और लक्षित हस्तक्षेप की योजना बनाने में सक्षम बनाता है। पोर्टल विशिष्ट दुर्घटना क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं के निर्माण की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होता है।

 सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना, 2025 एक अच्छी योजना है और केन्द्रीय मंत्रालय ने दुर्घटना पीड़ितों को चिकित्सा उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इस योजना की षुरूआत की है। इस योजना में सड़क दुर्घटना के पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिनों की अवधि के लिए 1.5 (डेढ लाख) रुपये तक का उपचार प्राप्त कर सकते हैं।  इस योजना का उद्देश्य देश भर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को आवश्यक और समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करना और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करना है।

उन्होंने कहा कि ई- ट्रांसपोर्ट एप्लिकेशन एक महत्वपूर्ण पहल है जो परिवहन क्षेत्र में दक्षता, पारदर्शिता और नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करती है। इसके सफल कार्यान्वयन से न केवल सरकारी सेवाओं में सुधार होता है, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि यह कार्यषाला देषभर के लिए एक इतिहास बनें, और यहां से बेहतरीन सुझाव आएं, जिन पर निर्णय लिए जाएं ताकि देषभर को लाभ मिलें तथा भ्रश्टाचार पर नकेल कसी जा सके। 

 

लोगों के जीवन को सरल बनाने के लिए नई तकनीक और डाटा का उपयोग जरूरी - वी. उमाशंकर

भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री वी. उमाशंकर ने कहा कि हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक सड़क दुघर्टनाओं के मामलों में 50 प्रतिशत की कमी लाना है। हम डाटा और नई तकनीक के माध्यम से इस उद्देश्य को हासिल कर सकते है। देश के परिवहन क्षेत्र में नई पहल और अनेक सकारात्मक परिवर्तन हुए है जिसका देश के नागरिकों को लाभ मिला है। अनेक सेवाओं को फेसलैस किया है जिससे लोगों का जीवन सरल बना है और समय व धन की बचत हुई है।

उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए देश के जिलों में अत्याधुनिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ग्रांट दी जाती है। उन्होंने प्रदेशों से आहवान किया है कि वे इस ग्रांट का अधिक से अधिक उपयोग कर इन सेंटरों को जिला स्तर पर खोले। लोगों के जीवन को सरल बनाने और भष्ट्राचार को खत्म करने के लिए हमें तकनीक और डाटा का उपयोग अधिक करना होगा।