अवैध खनन माफिया के आगे बीजेपी सरकार बेबस - दीपेंद्र हुड्डा

28 June, 2025, 9:18 pm

 

चंडीगढ़, 28 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आरावली की पहाड़ियों पर लगातार हो रहे अवैध खनन के लिए खनन माफिया और सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अवैध खनन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी धता बताकर अरावली पहाड़ विस्फोटक लगाकर उड़ाया जा रहा है। लेकिन डबल इंजन वाली बीजेपी सरकारें भ्रष्टाचार के इस विस्फोट की आवाज़ को अनसुना कर चुपचाप तमाशा देख रही हैं। खनन माफिया गगनचुंबी पहाड़ियों को पाताल में बदलते जा रहे हैं। सरकार की तरफ से अवैध खनन नहीं होने देने के तमाम आदेश दिखावटी व फुस्स साबित हो रहे हैं। अवैध खनन माफिया और उससे होने वाली काली कमाई के आगे बीजेपी सरकार बेबस नजर आ रही है। 

उन्होंने कहा कि खनन माफिया और सत्ता में बैठे लोग मिलकर प्रदेश को लूट रहे हैं। क्योंकि बिना इनकी मिलीभगत के अवैध खनन फलफूल नहीं सकता। एनजीटी से लेकर कोर्ट तक खनन माफिया पर नकेल कसने कह चुके हैं लेकिन सरकार उलटे खनन माफिया को शह दे रही है। क्योंकि खनन माफियाओं के तार ऊपर तक जुड़े हैं। यही कारण है कि सब कुछ आँख के सामने होने के बाद भी सरकार अवैध खनन रोक नहीं रही है। जो पैसा सरकारी खजाने में जाना चाहिए वो खनन माफियाओं के माध्यम से सत्तारुढ़ दल के नेताओं की जेब में जा रहा है। 

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीते करीब 11 वर्षों में यमुना से लेकर अरावली तक हजारों करोड़ के खनन घोटाले को अंजाम दिया जा चुका है। नियमों को ताख पर रखकर अवैध माइनिंग के चलते चरखी दादरी के पिचौपा कलाँ के खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसक गया। जबकि, उस समय प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने इसी इलाके का दौरा कर यहाँ खनन पूरी तरह से बंद होने का दावा किया था। खनन माफिया इस कदर बेलगाम है कि जब घाटा शम्शाबाद गांव में हरियाणा स्टेट एन्फॉर्समेंट ब्यूरो के अधिकारी अवैध खनन की जांच के लिए पहुंचे को खनन माफियाओं के गुर्गों ने झुंड बनाकर न सिर्फ अधिकारियों पर हमला कर दिया बल्कि खनन कार्य में पकड़े गए ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी जबरदस्ती छुड़ा लिया। तोशाम, महेंद्रगढ़, यमुनानगर, नूंह में खनन माफिया खुलेआम लोगों की जान ले रहे हैं। नूह में तो अवैध खनन की वजह से कई बार हुए जानलेवा हादसों में निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। यहीं पर अवैध खनन माफिया ने एक डीएसपी तक की जान ले ली थी। डाडम में पहाड़ के दरकने से आधा दर्जन मजदूरों की दबकर मौत हो गई थी। लेकिन आज तक किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई न ही अवैध खनन रुका।