गन्नौर इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की समीक्षा

नई दिल्ली/सोनीपत, 14 जुलाई:हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को जिला सोनीपत के गन्नौर स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट (आई.आई.एच.एम.)’ का दौरा किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मंडी प्रशासन, निर्माण कंपनी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्माण कार्यों में तेजी लाने तथा परियोजना को तय समयसीमा के भीतर पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल हरियाणा बल्कि देशभर के किसानों के लिए वरदान साबित होगी। गन्नौर इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट किसानों को फल, सब्ज़ी, फूल, मछली, पोल्ट्री और डेयरी उत्पादों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। यह मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर स्थित है और दिल्ली सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से बेहतरीन कनेक्टिविटी रखती है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत से 544 एकड़ 2 कनाल भूमि अधिग्रहित कर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नींव रखी गई थी। परियोजना की कुल लागत 2,595 करोड़ रुपये है। अब तक निर्माण कार्य का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है और 689 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त मंडी
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय मंडी में 50 लाख वर्गफीट का कवर एरिया बनाया जा रहा है, जिसकी वार्षिक क्षमता 20 लाख टन होगी। किसानों और व्यापारियों की सुविधा के लिए मंडी में 14,907 कारों और 3,305 ट्रकों/ट्रॉलियों की पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही मंडी परिसर में 17 आधुनिक ट्रेडिंग शेड और 13 बहुउद्देश्यीय इमारतें भी बनाई जाएंगी।
उन्होंने मंडी संचालन समिति को सख्त निर्देश दिए कि कार्य में तेजी लाई जाए ताकि जल्द से जल्द किसान इस परियोजना से लाभान्वित हो सकें।
सौर ऊर्जा और जल प्रबंधन पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने मंडी परिसर में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने अवगत कराया कि परियोजना के अंतिम चरण में 28 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की योजना है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षमता को और बढ़ाया जाए ताकि मंडी ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।
मुख्यमंत्री ने पेयजल आपूर्ति और सीवरेज सिस्टम को लेकर भी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडी में समय पर पेयजल आपूर्ति शुरू हो और सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट कर दोबारा उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक बनेगी मंडी
श्री सैनी ने कहा कि इस इंटरनेशनल मंडी को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त एक आदर्श कृषि केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ-साथ कृषि आधारित निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो और तय समयसीमा के अंदर परियोजना पूरी की जाए।
मुख्यमंत्री ने इस मंडी को हरियाणा में कृषि क्षेत्र की दिशा बदलने वाली परियोजना बताया और कहा कि यह राज्य के किसानों को नई आर्थिक ताकत देने का काम करेगी।
इन नेताओं और अधिकारियों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा, विधायक श्रीमती कृष्णा गहलावत, श्री देवेंद्र कादियान, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री वीरेंद्र बढ़खालसा, नगर निगम मेयर श्री राजीव जैन, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज अग्रवाल, हरियाणा इंटरनेशनल बागवानी मंडी कॉरपोरेशन के मुख्य प्रशासक श्री मुकुल कुमार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।