ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में 'शल्याकॉन 2025' का भव्य उद्घाटन

नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025:
सुष्रुत जयंती के अवसर पर आज नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में ‘शल्याकॉन 2025’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस तीसरे राष्ट्रीय शल्यतंत्र सम्मेलन का उद्घाटन आयुष मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री श्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने किया। इस अवसर पर देश-विदेश से 500 से अधिक विद्वानों, आयुर्वेद विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप आयुर्वेद अनुसंधान पर जोर
अपने संबोधन में श्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला रही है। उन्होंने कहा, “आयुर्वेद में अनुसंधान को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। वैज्ञानिक पद्धति से हमारे पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान की प्रमाणिकता पूरी दुनिया में स्थापित की जा सकती है।”
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने आयुर्वेद चिकित्सकों को 39 शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएं और 19 अन्य ऑपरेशन करने की अनुमति दी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकृत दृष्टिकोण को मजबूती मिली है। साथ ही उन्होंने शल्य चिकित्सा प्रोटोकॉल का मानकीकरण कर गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डिजिटल आयुष का विस्तार और वैश्विक नेतृत्व
आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि भारत आयुर्वेद और तकनीक के समन्वय में अग्रणी बन रहा है। उन्होंने बताया कि सितंबर 2024 में AIIA और WHO के सहयोग से वैश्विक तकनीकी बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर तकनीकी रिपोर्ट जारी की गई।