ऊर्जा सुरक्षा में भारत की बड़ी छलांग, उर्जा वार्ता 2025 में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पेश किया मेगा रोडमैप

नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025 — भारत की ऊर्जा नीति में ऐतिहासिक बदलावों की झलक आज दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित उर्जा वार्ता 2025 (Urja Varta 2025) में देखने को मिली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सशक्त upstream ऊर्जा रणनीति का खाका पेश करते हुए कहा कि भारत वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता का प्रतीक बनकर उभरा है।
श्री पुरी ने कहा, “हमारे राज्यों की भूमिका भारत के ऊर्जा परिवर्तन और संक्रमण की रीढ़ है।”
मुख्य बिंदु:
1. भारत ने कच्चे तेल का आयात 27 से बढ़ाकर 40 देशों से किया।
2. रूस से तेल खरीद पर स्थिति स्पष्ट — किसी भी वैश्विक प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं।
3. Andaman Basin में ‘गयाना जैसे विशाल हाइड्रोकार्बन भंडार’ की उम्मीद।
4. 1 लाख वर्ग किलोमीटर नो-गो क्षेत्रों को अब खोज के लिए खोल दिया गया।
5. आगामी 10 वर्षों में ₹30-35 लाख करोड़ का निवेश होगा ऊर्जा अवसंरचना में।
6. bp और ONGC के बीच महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन, नए डेटा प्लेटफॉर्म की घोषणा।
700 से अधिक प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में लिया भाग।
श्री पुरी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं। नए Petroleum and Natural Gas Rules 2025 और Model Revenue Sharing Contract (MRSC) के तहत कारोबार करना अब ज्यादा आसान और पारदर्शी हो गया है।
Andaman Basin को बताया अगला ऊर्जा हॉटस्पॉट
पुरी ने कहा कि अंडमान सागर में अपार संभावना है और भारत अगला डीपवॉटर ऊर्जा हब बन सकता है।
डेटा पारदर्शिता पर जोर
राष्ट्रीय डेटा रिपोजिटरी को अब आधुनिक क्लाउड प्लेटफॉर्म में तब्दील किया जाएगा। bp और ONGC के साथ नए अनुसंधान समझौते किए गए।
तकनीक और नवाचार
पुरी ने कहा कि 50 से ज्यादा तकनीकी पोस्टर और 15 से अधिक इनोवेटिव सॉल्यूशन्स को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया।
राज्यों के साथ सहयोग को बताया ऊर्जा क्रांति की कुंजी
पुरी ने राज्यों के मंत्रियों के साथ Round Table में कहा कि “भारत की ऊर्जा क्रांति राज्यों के सक्रिय सहयोग से संभव होगी।”
उन्होंने खुलासा किया कि भारत अगले 20 वर्षों में वैश्विक ऊर्जा मांग में 25% हिस्सेदारी करेगा। पिछले 10 वर्षों में 4 लाख करोड़ रूपए का निवेश राज्यों में हुआ और अगले दशक में यह आंकड़ा ₹30-35 लाख करोड़ तक पहुंचेगा।
श्री पुरी ने कहा, “PM मोदी के नेतृत्व में भारत एक जिम्मेदार ऊर्जा सुपरपावर बनने की दिशा में अग्रसर है, जहां नीति पारदर्शी है, निवेशकों के लिए अवसर असीम हैं और उपभोक्ताओं के हित सर्वोपरि हैं।”
उर्जा वार्ता 2025 के जरिए भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है—ऊर्जा का भविष्य भरोसेमंद, विविधीकृत और आत्मनिर्भर होगा।