पंजाब में नशा तस्करों पर कड़ा प्रहार, 'ड्रग जरनैलों' को भेजा गया जेल – मुख्यमंत्री भगवंत मान

मालेरकोटला, 18 जुलाई 2025 — पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज दो टहसील परिसरों — अहमदगढ़ और अमरगढ़ — का उद्घाटन करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में नशे के कारोबार को फैलाने वाले 'ड्रग जरनैलों' के खिलाफ किसी प्रकार की दया नहीं बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि जो लोग पहले खुद को अजेय समझते थे, उन्हें अब सलाखों के पीछे डाला जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे का कारोबार उन्हीं नेताओं ने पनपाया जिन्हें जनता ने अपनी सेवा के लिए चुना था, लेकिन उन्होंने सरकारी गाड़ियों में नशा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे नेताओं को कानून के शिकंजे में लाया है।
मुख्य बिंदु:
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"युद्ध नशे के विरुद्ध" अभियान को जनता का भरपूर समर्थन मिला, आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।
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कांग्रेस और अकाली दल को मुख्यमंत्री ने “बंटे हुए घर” की संज्ञा दी, आंतरिक कलह का किया जिक्र।
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राज्य में 55,000 से अधिक युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां मिलीं।
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मुख्यमंत्री सेहत योजना के अंतर्गत हर परिवार को ₹10 लाख तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा — देश में पहला राज्य बना पंजाब।
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धार्मिक ग्रंथों के अपमान को रोकने के लिए विधान सभा में “पंजाब धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराध रोकथाम विधेयक, 2025” पेश किया गया।
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मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा — “भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार लेने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें। साथ ही बताया कि आधुनिक राजस्व सुधारों जैसे 'ईज़ी रजिस्ट्री' और 'ईज़ी जमाबंदी' से लोगों को अब घर बैठे सेवाएं मिल रही हैं।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी प्रशासन, जवाबदेही और जन-कल्याण है। उन्होंने बताया कि यह नए तहसील परिसर जनता को समयबद्ध और सहज सेवाएं उपलब्ध कराएंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।