भारत की ऊर्जा क्रांति में सक्रिय भागीदार बनें पेट्रोलियम डीलर: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

18 July, 2025, 7:43 pm

नई दिल्ली, 18 जुलाई 2025 — केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (AIPDA) के अधिवेशन के मुख्य सत्र को संबोधित करते हुए देशभर के पेट्रोलियम डीलरों से आह्वान किया कि वे भारत की ऊर्जा संक्रमण यात्रा में केवल सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदार बनें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बदलते ऊर्जा परिदृश्य में डीलरों को हरित पहलों को अपनाने, डिजिटल प्रणाली में दक्षता लाने और अपने व्यवसाय मॉडल को भविष्य के अनुरूप ढालने की आवश्यकता है। उन्होंने पेट्रोलियम डीलरों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि “हम टकराव नहीं, संवाद में विश्वास रखते हैं।” उन्होंने अक्टूबर 2024 में डीलर मार्जिन की पुनर्रचना और अंतर-राज्यीय माल भाड़ा तर्कसंगत बनाने जैसे कदमों को सरकार की सकारात्मक पहल बताया।

मुख्य बातें:

  • भारत में एथनॉल मिश्रण 1.53% (2014) से बढ़कर 20% (2025) तक पहुंचा।

  • 1.4 लाख करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा की बचत और 717 लाख मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जन में कटौती।

  • पीएम उज्ज्वला योजना के तहत 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए।

  • CNG स्टेशनों की संख्या 2014 में 738 से बढ़कर 2025 में 8,100 से अधिक हुई।

  • पेट्रोलियम डीलर प्रतिदिन 6.7 करोड़ ग्राहकों को सेवा देते हैं — देश के ऊर्जा तंत्र की रीढ़।

श्री पुरी ने कहा कि भारत ऊर्जा न्याय के सिद्धांतों — पहुंच, उपलब्धता और वहनयोग्यता — को मजबूती से लागू कर रहा है और इसमें पेट्रोल पंप डीलरों की भूमिका अत्यंत अहम है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि खुदरा आउटलेट्स को "ग्राहक सेवा केंद्रों" में बदला जाए, जहाँ डिजिटल भुगतान, स्वचालित बिलिंग, स्वच्छ शौचालय, सुरक्षा मानकों और शिकायत निवारण तंत्र प्रभावी रूप से लागू हों।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि डीलर नॉन-फ्यूल रेवेन्यू (NFR) बढ़ाने के लिए अपने आउटलेट्स को बहु-सेवाओं के केंद्र में बदलें, जैसे:

  • EV चार्जिंग पॉइंट्स

  • बैटरी स्वैपिंग स्टेशन

  • छत पर सोलर पैनल

  • डिजिटल भुगतान एवं बैंकिंग सेवाएं

  • जल कियोस्क और कम्युनिकेशन हब

मंत्री ने डीलरों को “ऊर्जा उद्यमी” के रूप में स्थापित होने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने कर्मचारियों को ग्राहक सेवा, डिजिटल टूल्स और सुरक्षा मानकों में प्रशिक्षित करें और तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के साथ मिलकर भविष्योन्मुख परियोजनाओं को लागू करें।

श्री पुरी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत अगले तीन दशकों में वैश्विक कच्चे तेल खपत वृद्धि का 25% योगदान देगा, और सरकार ने वैश्विक अस्थिरता के बीच निरंतर और सस्ती ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की है।

समापन करते हुए, मंत्री ने कहा, “यह अधिवेशन सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत है — एक ऐसी यात्रा जो आपको केवल खुदरा से आगे ले जाकर भारत की ऊर्जा क्रांति के केंद्र में ले जाती है।” उन्होंने AIPDA के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और सरकार की ओर से डीलरों, कंपनियों और नागरिकों के सामूहिक हित में निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।