संसद मानसून सत्र 2025 को लेकर सरकार और राजनीतिक दलों के नेताओं की अहम बैठक, 54 नेताओं ने लिया हिस्सा

21 July, 2025, 12:22 am

 

 

नई दिल्ली, 20 जुलाई — संसद के आगामी मानसून सत्र 2025 से पहले आज संसद भवन परिसर में केंद्र सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और राज्यसभा में नेता श्री जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 40 राजनीतिक दलों के 54 नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक का आयोजन संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू द्वारा किया गया।

बैठक में केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान श्री किरेन रिजिजू ने बताया कि मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान कुल 21 बैठकें आयोजित होंगी। 12 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोहों के मद्देनज़र संसद स्थगित रहेगी और 18 अगस्त को फिर से कार्यवाही शुरू होगी।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस सत्र में 17 विधायी और अन्य महत्वपूर्ण कार्यसूचियों को सूचीबद्ध किया गया है। इसके अतिरिक्त सरकार दोनों सदनों में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

बैठक के अंत में श्री नड्डा ने सभी दलों के नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों को रिकॉर्ड में लिया गया है और उन पर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस बार संसद में जो प्रमुख विधेयक पेश होंगे उनमें शामिल हैं:

  • बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2024

  • समुद्री मालवाहन विधेयक, 2024

  • तटीय नौवहन विधेयक, 2024

  • गोवा में अनुसूचित जनजातियों के लिए विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व पुनर्संयोजन विधेयक, 2024

  • मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024

  • भारतीय पोर्ट्स विधेयक, 2025

  • आयकर विधेयक, 2025

  • मणिपुर जीएसटी संशोधन विधेयक, 2025 (ऑर्डिनेंस की जगह)

  • जन विश्वास संशोधन विधेयक, 2025

  • भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक, 2025

  • कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025

  • भू-धरोहर स्थलों और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक, 2025

  • खनिज और खदान संशोधन विधेयक, 2025

  • राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक, 2025

  • राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक, 2025

इसके अलावा मणिपुर के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा, संबंधित विनियोग विधेयक और राष्ट्रपति शासन बढ़ाने से जुड़ा प्रस्ताव भी पेश होगा।