हरियाली तीज का भव्य आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर

नई दिल्ली, 26 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के निवास स्थान पर शुक्रवार शाम हरियाली तीज का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम पारंपरिक लोकगीतों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और उल्लासपूर्ण माहौल से सराबोर रहा। हरियाणा के कोने-कोने से आई महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों, मेहंदी रचे हाथों और लोक नृत्य-संगीत के साथ इस पर्व को मनाया। सावन की हरियाली के बीच रंग-बिरंगी साड़ियाँ और पारंपरिक लोकगीतों की धुनों ने समां बांध दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती सुमन सैनी ने की। उन्होंने मौके पर लगाए गए तीज उत्सव की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष की धर्मपत्नी श्रीमती मित्रा घोष, स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव, विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा और श्रीमती बिमला चौधरी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री मोहनलाल बडोली, भाजपा नेत्री श्रीमती बंतो कटारिया सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों को तीज की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “तीज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की आत्मा है। यह हमारे पारिवारिक मूल्यों, सामाजिक समरसता और परंपराओं का प्रतीक है।” उन्होंने विशेष रूप से युवा बालिकाओं की उपस्थिति की सराहना की और कहा कि "नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।"
उन्होंने कहा कि हरियाणा को अपनी समृद्ध लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व है। “हमारे लोकगीत, नृत्य, संगीत और कला हमारी सांस्कृतिक पहचान के वाहक हैं, और इन्हीं के माध्यम से युवाओं को संस्कृति से जोड़ना संभव है। इस धरोहर को संरक्षित करना समय की मांग है।”
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। “देश की आधी आबादी महिलाएं हैं और जब तक वे समाज और राष्ट्र निर्माण में समान और सक्रिय भूमिका नहीं निभाएंगी, विकसित भारत की कल्पना अधूरी रहेगी।”
मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अपील की कि वे तीज जैसे पर्वों को केवल रस्म तक सीमित न रखें, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लें। उन्होंने कहा कि “सावन की हरियाली तभी लौटेगी जब हम अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और प्रकृति की रक्षा करें।”