मोदी सरकार की दोहरी जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव से 125 आतंकी ढेर, पाकिस्तान की पोल खुली - अमित शाह

29 July, 2025, 5:53 pm

नई दिल्ली | 29 जुलाई 2025 — संसद में मंगलवार को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई सैन्य कार्रवाई पर विशेष चर्चा में विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए आतंकियों के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान में घुसकर मार गिराया, जबकि ऑपरेशन महादेव' के तहत हमले में शामिल तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया।

ऑपरेशन महादेव: तीनों हमलावर मारे गए

श्री शाह ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में सुलेमान उर्फ फैज़ल जट्ट, हमजा अफगानी और जिब्रान को मार गिराया गया। इन तीनों आतंकियों को 22 जुलाई को डाछिगाम इलाके में घेर कर मारा गया। ऑपरेशन 22 मई से शुरू हुआ था, और हाई-टेक उपकरणों और इंटेलिजेंस की मदद से आतंकियों का ठिकाना ट्रैक किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई

गृह मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर 100 किलोमीटर घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया  और 125 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। यह कार्रवाई पूरी तरह सैन्य ठिकानों पर केंद्रित रही और भारत ने एक भी पाकिस्तानी नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।

 विपक्ष पर तीखा हमला

गृह मंत्री ने विपक्ष पर पाकिस्तान को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जब आतंकियों के मारे जाने की खबर आई, तब विपक्ष के चेहरे पर खुशी नहीं, बल्कि निराशा थी।" उन्होंने यह भी कहा कि *पूर्व गृहमंत्री ने सबूत मांगे थे कि आतंकी पाकिस्तान से आए*, जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्लीन चिट मिल गई।

आंकड़ों के ज़रिए उपलब्धियां गिनाईं

शाह ने बताया कि:

2004 से 2014 के बीच आतंकवादी घटनाएं: 7,217
 2015 से 2025 के बीच: 2,150 (70% गिरावट)
 नागरिक मृतक: 2004-14 में 1,770, 2015-25 में 357
सुरक्षाबलों के शहीद: 2004-14 में 1,060, 2015-25 में 542
 आतंकियों के मारे जाने की संख्या में 123% वृद्धि

अनुच्छेद 370 हटने के बाद का बदला माहौल

श्री शाह ने कहा कि अब आतंकियों के जनाज़े में भीड़ नहीं जुटती। घाटी में अब *एक भी बंद या पत्थरबाज़ी की घटना नहीं हुई*, जो पहले साल में 132 दिन घाटी बंद रहती थी।

 पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फज़ीहत

शाह ने बताया कि पाकिस्तान ने हमारे रिहायशी इलाकों पर जवाबी हमला किया, जिसमें गुरुद्वारा, मंदिर और नागरिक प्रभावित हुए, लेकिन भारत ने जवाबी हमले में केवल *एयरबेस और डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर* को निशाना बनाया। इसके बाद पाकिस्तान ने *10 मई को डीजीएमओ के माध्यम से संघर्षविराम की गुहार लगाई।

 विपक्ष से सवाल

गृह मंत्री ने सवाल उठाया:

1962 में अक्साई चिन क्यों खोया?*
1971 में 15,000 किमी क्षेत्र वापस क्यों किया?
पाकिस्तान की बुनियाद रखने में नेहरू की भूमिका क्यों थी?

 आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की आतंकवाद के प्रति नीति साफ है: "जो हमारी सीमा में घुसेगा, मारा जाएगा।" POTA कानून को हटाने के लिए भी विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि यह वोटबैंक की राजनीति के लिए आतंकियों को बचाने का प्रयास था।