आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक भारत की तस्वीर है ऑपरेशन सिंदूर – रेखा शर्मा

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान हरियाणा से सांसद श्रीमती रेखा शर्मा ने अपने संबोधन की शुरुआत हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 हिंदूओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि इन 26 परिवारों के दुख में भारत की संसद और भारत की जनता पूर्ण रूप से उनके साथ खड़ी है। उन्होंने भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस को ऑपरेशन महादेव के लिए बधाई दी, जिसमें पाकिस्तान से जुड़े तीन आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया गया।
अपने भाषण में श्रीमती शर्मा ने स्वतंत्र शोधकर्ता कृष्णा अवांचा के एक वाक्य का उल्लेख करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की व्याख्या की और बताया कि यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक दृढ़ता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा जवाब था जिसने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब आतंकवाद के सामने चुप बैठने वाला देश नहीं रहा।
उन्होंने अपने भाषण में भारत और पाकिस्तान के संबंधों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के बाद से पाकिस्तान लगातार भारत की संप्रभुता पर नजर डालता रहा है। उन्होंने 1947, 1965 और 1971 के युद्धों का संदर्भ देते हुए कहा कि भारत ने बार-बार पाकिस्तान को हराया, परंतु राजनीतिक नेतृत्व की अस्थिरता के कारण भारत ने अपनी सैन्य सफलताओं को कूटनीतिक लाभ में नहीं बदला। उन्होंने धारा 370 को एक ऐतिहासिक भूल बताया, जिसने जम्मू-कश्मीर को भारत से दूर किया और आतंकवाद को वहाँ पनपने का अवसर दिया।
श्रीमती शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद भारत को एक निर्णायक नेतृत्व मिला, जिसने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक्स से दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद हुए बदलावों की भी चर्चा की और बताया कि कैसे वहाँ पर्यटन, अवसंरचना और भ्रष्टाचार नियंत्रण में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
उन्होंने अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को न केवल भारत बल्कि हिंदू धर्म पर हमला करार दिया और कहा कि इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की केवल उनके धर्म के आधार पर हत्या की गई। उन्होंने इसे भारतीय समाज को बांटने और जम्मू-कश्मीर की समृद्ध होती अर्थव्यवस्था को तबाह करने की साज़िश बताया।
श्रीमती शर्मा ने बताया कि भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी तत्काल और कठोर निर्णय लिए। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द किए गए, व्यापार पूर्णतः निलंबित किया गया और अटारी-वाघा सीमा पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की यह बात दोहराई कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब शब्द विफल हो जाते हैं, तब कूटनीति वर्दी पहन लेती है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। सात मई को भारत ने पीओजेके के भावलपुर और मुरुथकी में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर बेहद सटीक और मापा हुआ हवाई हमला किया। इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया और पाकिस्तान की आतंकी अवसंरचना को गहरी क्षति पहुंचाई गई।
श्रीमती शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमताओं का बेहतरीन प्रदर्शन हुआ। ऑपरेशन में स्वदेशी आकाश-तीर मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया, जो 96% तक भारत में निर्मित है। यह प्रणाली इस्राइल की आयरन डोम प्रणाली के समकक्ष है और भारतीय सीमा में एक भी पाकिस्तानी ड्रोन को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस ऑपरेशन में पहली बार ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल का वास्तविक युद्ध में उपयोग किया गया, जिसे पूरी तरह भारत में विकसित किया गया है। इस प्रदर्शन के बाद 15 देशों ने ब्रह्मोस और आकाश-तीर खरीदने में रुचि दिखाई है।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की वायुसेना को इस हमले से न केवल तकनीकी बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी पांच साल पीछे धकेल दिया गया है। भारत के नेटवर्क कमांड और कंट्रोल सिस्टम की इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा कि जिन नेताओं ने जीवन भर केवल एक परिवार की सेवा की है, उन्हें देशभक्ति या राष्ट्र सेवा का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को देश की सेना को कमजोर करने का दोषी बताया और कहा कि जिन्होंने अपने बच्चों को थाल में परोसकर राजनीतिक पद दिलवाए, वे सेना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने से पहले अपने बच्चों को सेना में भेजते तो शायद उन्हें बलिदान का मूल्य समझ आता।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर पर प्रश्न उठाती है, तो वह केवल सरकार नहीं, बल्कि उन वीर जवानों और उनके परिवारों के बलिदान पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वे एक ओर सरकार के साथ खड़े होने की बात करते हैं और दूसरी ओर पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के कुछ नेता स्वदेशी हथियारों पर अविश्वास करते हैं लेकिन चीन के ड्रोनों पर भरोसा करते हैं।
श्रीमती शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि भारत अब न तो झुकेगा, न टूटेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक स्वीकार्यता इतनी बढ़ गई है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जैसे नेता भी बार-बार बयान बदलने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अपने प्रधानमंत्री की बात पर भरोसा नहीं और ट्रंप जैसे विदेशी नेताओं की बात पर विश्वास है, उन्हें भारत की संप्रभुता और गौरव का सम्मान करना सीखना होगा।
अपने संबोधन का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की जनता का आत्मबल और आत्मविश्वास ऊंचा किया है। आज दुनिया भारत को एक शक्तिशाली, आत्मनिर्भर और दृढ़ राष्ट्र के रूप में देख रही है, जो किसी भी स्थिति में न डरता है, न झुकता है।