ओडिशा में 4वां आदि कर्मयोगी क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ:

भुवनेश्वर, 1 अगस्त 2025।
समावेशी विकास और अंतिम छोर तक सेवाएं पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में ‘4वां आदि कर्मयोगी क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर’ (Regional Process Lab - RPL) का शुभारंभ हुआ। यह सात दिवसीय शिविर ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ (DAJGUA) के अंतर्गत आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को उत्तरदायी, जन-केंद्रित शासन के लिए प्रशिक्षित करना है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन ओडिशा सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री नित्यानंद गोंड ने किया। इस अवसर पर ओडिशा के मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा, आईएएस, भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अपर सचिव श्री मनीष ठाकुर, आईएएस, ओडिशा सरकार के आयुक्त-सचिव श्री बी. परमेश्वरन, आईएएस, निदेशक (एसटी) सुश्री मानसी निम्भाल, आईएएस, जनजातीय कार्य मंत्रालय की निदेशक सुश्री समीधा सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
शिविर में ओडिशा, झारखंड और बिहार के 25 चयनित प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इसका संचालन भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन (BRLF) द्वारा किया जा रहा है।
आदि कर्मयोगी: जनजातीय संवेदनाओं से जुड़ा उत्तरदायी शासन मॉडल
जनजातीय कार्य मंत्रालय की यह अभिनव पहल ग्राम, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर कार्यरत जनजातीय फ्रंटलाइन कर्मियों की क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य हैं:
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कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन
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स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, जल शक्ति और वन विभागों के बीच समन्वय
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सहभागिता आधारित प्रशिक्षण और सामुदायिक जुड़ाव
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पारदर्शी और जवाबदेह शासन तंत्र का निर्माण
यह प्रशिक्षण ‘कैस्केड मॉडल’ के रूप में संचालित किया जा रहा है, जहां प्रशिक्षित राज्य मास्टर ट्रेनर्स (SMTs) आगे चलकर राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षण देंगे।
नेतृत्व के स्वर: सामूहिक परिवर्तन का आह्वान
उद्घाटन भाषण में श्री नित्यानंद गोंड ने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान इस उद्देश्य से शुरू किया गया है कि हर जनजातीय परिवार तक मूलभूत सेवाएं पहुंचे। आदि कर्मयोगी कार्यक्रम इस मिशन की रीढ़ है, और इसमें भाग लेने वाले कर्मियों को यह संकल्प लेकर लौटना चाहिए कि वे इसे जिला व ब्लॉक स्तर तक आगे ले जाएंगे।”
श्री बी. परमेश्वरन ने कहा, “उत्तरदायी शासन कोई एक बार का हस्तक्षेप नहीं है, बल्कि यह जनजातीय समुदायों के जीवन अनुभवों और ज़रूरतों के साथ सेवा वितरण को जोड़ने की सतत प्रक्रिया है।”
श्री विभु नायर, सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय (वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए) ने कहा, “आप परिवर्तन के वाहक हैं, जो केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का ज्ञान जमीनी स्तर तक पहुंचाएंगे। यह सात दिवसीय प्रशिक्षण आपके लिए शासन के तरीकों को फिर से सोचने का जीवन बदलने वाला अवसर है।”
यह प्रशिक्षण न केवल नीतिगत परिवर्तन को साकार करता है, बल्कि यह भारत सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि शासन की हर योजना और सेवा अंतिम छोर पर खड़े नागरिक तक संवेदनशीलता, जवाबदेही और दक्षता के साथ पहुंचे।