अंगदान सबसे महान मानवीय कार्यों में से एक है": केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा
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नई दिल्ली | 3 अगस्त 2025
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने आज 15वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर कहा कि "अंगदान सबसे महान मानवीय कार्यों में से एक है। विज्ञान की तरक्की के इस दौर में किसी को जीवन देने के लिए अंगदान से बड़ा कोई योगदान नहीं हो सकता।"
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। यह आयोजन वर्षभर चलने वाले राष्ट्रीय अभियान "अंगदान – जीवन संजीवनी अभियान" का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देशभर में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
भारत ने रचे नए रिकॉर्ड
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वर्ष 2024 में भारत में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण हुए — अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा।
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3.30 लाख से ज्यादा नागरिकों ने NOTTO की आधार-आधारित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अंगदान की शपथ ली।
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भारत अब विश्व में तीसरे स्थान पर है अंग प्रत्यारोपण के मामलों में — अमेरिका और चीन के बाद।
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हाथ प्रत्यारोपण में भारत ने वैश्विक नेतृत्व किया, चिकित्सा क्षेत्र की उत्कृष्टता का प्रमाण।
श्री नड्डा ने कही ये अहम बातें:
"हर अंगदाता एक नायक है — एक ऐसा इंसान जिसकी निःस्वार्थ भावना किसी की पीड़ा को जीवन में बदल देती है। एक व्यक्ति अपने अंगों से 8 लोगों की जान बचा सकता है, और ऊतक दान से कई और को जीवन की रोशनी मिल सकती है।"
"अंगदान के प्रति झिझक और मिथकों को दूर करने की जरूरत है। यह जनआंदोलन बनना चाहिए — जन-जन का आंदोलन।"
"प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम ट्रांसप्लांट व्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं — इसमें ₹15 लाख तक की आर्थिक सहायता, आयुष्मान भारत योजना में किडनी ट्रांसप्लांट का समावेश, और रोज़ ₹10,000 तक की दवा सहायता शामिल है।"
सम्मानित हुए नायक और संस्थान
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तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्य, तेलंगाना को सबसे अधिक मृत अंगदाता दर के लिए सम्मान।
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मणिपुर, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा को प्रोत्साहन पुरस्कार।
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एम्स नागपुर, सिविल अस्पताल सूरत, और AIIMS दिल्ली की नेत्र बैंक को भी सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट और पुस्तिकाएं हुईं जारी
NOTTO की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25, ई-न्यूज़लेटर, और तीन जागरूकता पुस्तिकाएं (अंगदान जागरूकता, आयुर्वेद-योग द्वारा अंग स्वास्थ्य, और राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाएं) का लोकार्पण हुआ।
अंगदान करें, जीवन दें। यह एक संकल्प है — इंसानियत के नाम।