दिल्ली में दीपस्तंभ ‘मनोबल’ केंद्र का शुभारंभ
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नई दिल्ली, 12 अगस्त — दिव्यांग, अनाथ, ट्रांसजेंडर और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए दिल्ली में अब यूपीएससी सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त रेजिडेंशियल ट्रेनिंग की सुविधा शुरू हो गई है। सोमवार शाम कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित नए महाराष्ट्र सदन में दीपस्तंभ फाउंडेशन के ‘मनोबल’ प्रोजेक्ट सेंटर का औपचारिक शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे, जबकि केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षाताई खडसे, दिव्यांगजन कल्याण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल, दीपस्तंभ फाउंडेशन के संस्थापक-निदेशक यजुर्वेंद्र महाजन और वरिष्ठ पत्रकार उदय निरगुडकर भी उपस्थित थे।
राजेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले दशक में दिव्यांगों को मुख्यधारा में लाने के लिए उल्लेखनीय काम हुआ है और समाज में संवेदनशीलता बढ़ी है। यजुर्वेंद्र महाजन ने घोषणा की कि अगले 25 सालों में कोई भी दिव्यांग या ट्रांसजेंडर छात्र उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सिर्फ 0.02% दिव्यांग और ट्रांसजेंडर छात्र उच्च शिक्षा तक पहुंच पाते हैं।
इस मौके पर यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं में सफल दिव्यांग छात्रों को सम्मानित किया गया, जिनमें मनू गर्ग (IAS), रवि राज (IRS), अश्विनी परकाळे (IPOS), श्रीतेज पटेल (IRMS), संपदा वांगे, पुनीत गुप्ता (IIM उदयपुर) सहित कई नाम शामिल थे।
कार्यक्रम की विशेष झलक तब देखने को मिली, जब केंद्र की छात्रा माऊली आडकर, जो दोनों हाथों से विकलांग हैं, ने हारमोनियम पर ‘सारे जहाँ से अच्छा’ गीत प्रस्तुत किया।
दीपस्तंभ फाउंडेशन का ‘मनोबल’ प्रोजेक्ट जळगांव और पुणे में पहले से सफलतापूर्वक चल रहा है और अब यह दिल्ली में भी अपनी सेवाएं देगा।