अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस: मिरांडा हाउस में ‘स्वयंसेवा और युवा नेतृत्व’ पर जोर

नई दिल्ली – युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस के साथ मिलकर मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2025 का आयोजन किया। इस वर्ष की थीम थी — ‘स्वयंसेवा और युवा नेतृत्व (स्वयंसेवा का प्रभाव)’, जिसके तहत राष्ट्र निर्माण और सामुदायिक विकास में युवाओं की भागीदारी पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) बिजयालक्ष्मी नंदा ने उद्घाटन संबोधन दिया।
युवा मामलों विभाग की सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने ‘ग्लोकल वॉलंटियरिंग’ — “थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली” — की अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 2023 में शुरू किया गया मेरा युवा भारत (MY Bharat) प्लेटफॉर्म, 1.80 करोड़ पंजीकृत युवाओं के साथ, संरचित युवा भागीदारी, नेतृत्व और राष्ट्रीय–वैश्विक लक्ष्यों से जुड़ाव का मजबूत माध्यम बन चुका है।
मिरांडा हाउस के छात्रों ने अपने प्री-इवेंट प्रोजेक्ट्स पेश किए, जिनमें 4–11 अगस्त तक चला ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राइव, क्लीन, ग्रीन एंड सेफ कैंपस ड्राइव और विभिन्न विषयों पर क्रिएटिव प्रतियोगिता शामिल रही।
कार्यक्रम के दौरान दो अहम पैनल चर्चा हुईं —
-
‘यंग वॉइसेस, शेयर्ड फ्यूचर्स’ में संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियों (UNFPA, UNDP, UN Women, UNICEF) के प्रतिनिधियों ने युवा कूटनीति और समावेशी शासन पर विचार साझा किए।
-
‘वॉलंटियरिंग ऐज अ कैटेलिस्ट फॉर ग्लोबल कोऑपरेशन’ में सीमापार युवा सहयोग और सांस्कृतिक आदान–प्रदान पर चर्चा हुई।
मिरांडा हाउस के नाट्य मंडल ने ‘द वॉइसेस ऑफ चेंज’ नामक नाटक प्रस्तुत किया, जो युवा नेतृत्व और स्वयंसेवा की ताकत को दर्शाता था। प्री-इवेंट गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र की भारत में कार्यवाहक निवासी समन्वयक और UNICEF प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने कहा, “वॉलंटियरिंग केवल देने का नाम नहीं, यह अनुभव और नेतृत्व गढ़ने का अवसर भी है। यह भारत की धमनियों में बहता है।” उन्होंने बताया कि MY भारत प्लेटफॉर्म के माध्यम से 90 लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने जलवायु कार्रवाई, स्वास्थ्य, स्वच्छता और महामारी प्रतिक्रिया में योगदान दिया है।
युवा मामलों विभाग के संयुक्त सचिव नीतेश कुमार मिश्रा ने कहा, “स्वयंसेवा दिलों को जोड़ने, विश्वास बनाने और बदलाव लाने का सेतु है।” उन्होंने भविष्य के लिए तीन प्राथमिकताएं गिनाईं — शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी, स्वयंसेवा के महत्व पर जागरूकता और युवाओं को नागरिक नेतृत्व में सशक्त करना।
यह पहल भारत सरकार के उस विज़न का हिस्सा है जिसमें विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए युवाओं को सामाजिक परिवर्तन और सतत विकास के वाहक के रूप में सशक्त बनाना शामिल है।