विश्व हाथी दिवस 2025: भारत ने हाथी संरक्षण में फिर जताया वैश्विक नेतृत्व

13 August, 2025, 9:14 am

 

कोयंबटूर (तमिलनाडु) – भारत ने विश्व हाथी दिवस 2025 के अवसर पर एक बार फिर दुनिया के सामने अपने हाथी संरक्षण के संकल्प और नेतृत्व को दोहराया। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कोयंबटूर में आयोजित राष्ट्रीय समारोह का उद्घाटन किया और कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीकों — जैसे AI, रिमोट सेंसिंग और जियोस्पेशियल मैपिंग — का संयोजन कर हाथियों के आवास की सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।”

मंत्री ने बताया कि भारत में 33 हाथी रिज़र्व, 150 वैज्ञानिक रूप से चिन्हित कॉरिडोर और दुनिया की जंगली हाथी आबादी का लगभग 60% हिस्सा है, जो देश को हाथी संरक्षण का वैश्विक उदाहरण बनाता है। उन्होंने कहा, “हाथी संरक्षण केवल नीति नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और सभ्यतागत मूल्यों का प्रतिबिंब है।”

भारत में हाथी को राष्ट्रीय धरोहर पशु का दर्जा प्राप्त है और यह धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से सम्मानित है — चाहे भीमबेटका की गुफा चित्रकारी हो या दक्षिण भारत के मंदिरों की परंपरा।

कार्यक्रम में गज गौरव पुरस्कार भी प्रदान किए गए, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के महावतों, सहायक महावतों, एंटी-पोचिंग वॉचर्स और फॉरेस्ट गार्ड्स को सम्मानित किया गया।

एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में ‘हेल्दी फीट, हेल्दी एलीफैंट्स’ गाइड जारी की गई, जो बंदी एशियाई हाथियों के पैरों की सेहत सुधारने के लिए देखभाल, स्वच्छता और समय पर उपचार के उपाय बताती है।

राष्ट्रीय स्तर पर करीब 12 लाख छात्रों और 5,000 स्कूलों को जोड़कर जागरूकता अभियान चलाया गया। वहीं, मानव-हाथी संघर्ष (HEC) पर कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने अनुभव और नवाचार साझा किए — जिसमें कॉरिडोर संरक्षण, आवास प्रबंधन और समुदाय की भागीदारी जैसे मुद्दे शामिल थे।

कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “हाथी केवल वन्यजीव नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, अध्यात्म और इतिहास के जीवंत प्रतीक हैं। इन्हें सुरक्षित रखना आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।”

कोयंबटूर के इस आयोजन ने सरकारी एजेंसियों, वन विभाग, नागरिक समाज और आम जनता को एकजुट कर आज़ादी का अमृत महोत्सव की भावना के साथ हाथियों के संरक्षण का संकल्प दोहराया।