सीएम योगी का विपक्ष पर पलटवार — स्कूल बंद नहीं, 40 लाख नए बच्चों का दाखिला

लखनऊ, 14 अगस्त — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष के 29,000 स्कूल बंद करने के आरोप को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि कोई स्कूल बंद नहीं हो रहा, बल्कि 50 से कम छात्रों वाले और एक किमी के दायरे में स्थित स्कूलों को बेहतर सुविधाओं वाले इंटीग्रेटेड कैंपस में विलय किया जा रहा है। यह स्कूल पेयरिंग पहल 22:1 छात्र–शिक्षक अनुपात और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेगी।
सीएम ने 2017 से पहले की स्थिति याद दिलाते हुए कहा कि 1.56 लाख बेसिक और संबद्ध स्कूल बुनियादी ढांचे, शिक्षक अनुपात और देश में सबसे अधिक ड्रॉपआउट दर से जूझ रहे थे। स्कूल चलो अभियान और ऑपरेशन कायाकल्प के तहत जनप्रतिनिधियों, अफसरों, ग्रामीणों और पूर्व छात्रों ने स्कूल अपनाए, जिससे फर्श, अलग शौचालय, पीने का पानी, बिजली, सोलर पैनल, डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, खेल मैदान और बैठने की व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ। बच्चों को दो मुफ्त यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते और मोजे मिल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 3–6 साल के बच्चों के लिए बाल वाटिका और प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू होंगी। सीएम न्यूट्रिशन मिशन के तहत 100 करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया गया है, ताकि कुपोषण और एनीमिया से पीड़ित बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा सके।
योगी ने कहा कि 2017 से अब तक ड्रॉपआउट दर में भारी कमी आई है और 40 लाख अतिरिक्त बच्चों ने स्कूलों में दाखिला लिया है। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 75 साल पुराने इंटर कॉलेजों का नवीनीकरण किया जा रहा है। 150 सरकारी आईटीआई में एआई, रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी के कोर्स शुरू हुए हैं। राज्य में 71 नए सरकारी कॉलेज और कई विश्वविद्यालय स्थापित हुए हैं, जबकि 50 लाख युवाओं को डिजिटल एजुकेशन के तहत टैबलेट और स्मार्टफोन मिले हैं।
रोजगार मोर्चे पर उन्होंने कहा कि 2017 से पहले भर्तियों में धांधली आम थी, लेकिन अब 8.5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है, जिनमें 1.75 लाख महिलाएं शामिल हैं। महिला कार्यबल भागीदारी 13.5% से बढ़कर 35% हो गई है और बेरोजगारी दर 19% से घटकर 3% रह गई है। सीएम युवा योजना के तहत 1.65 करोड़ से अधिक युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिला है। प्रदेश में अब 7,200 स्टार्टअप और 50 इनक्यूबेटर हैं।
पुलिस बल में 62,200 नई भर्तियां हुई हैं, प्रशिक्षण क्षमता 3,000 से बढ़ाकर 60,000 कर दी गई है और जर्जर बैरकों की जगह आधुनिक हाई-राइज आवास बनाए गए हैं। साइबर अपराध से निपटने के लिए अब हर जिले में साइबर थाने हैं, जबकि 2017 से पहले केवल गौतम बुद्ध नगर में एक था। एक साइबर मुख्यालय स्थापित किया जा रहा है और हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क शुरू हो चुकी है।