जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधारों का रोडमैप पेश

15 August, 2025, 12:43 pm

 

नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से संबोधन में कहा कि 2017 में लागू हुआ वस्तु एवं सेवा कर (GST) देश के लिए एक ऐतिहासिक सुधार रहा है, जिसने आम जनता से लेकर उद्योग तक सभी को लाभ पहुंचाया है। अब केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने की तैयारी कर रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि यह सुधार तीन स्तंभों पर आधारित होंगे — संरचनात्मक सुधार, दरों का युक्तिकरण और जीवन को आसान बनाना। इनसे आम आदमी, महिलाएं, छात्र, किसान, मध्यम वर्ग और एमएसएमई क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा।

मुख्य बिंदु:

संरचनात्मक सुधार: उल्टे शुल्क ढांचे को ठीक करना, वर्गीकरण विवाद सुलझाना, और टैक्स दरों में स्थिरता लाना ताकि घरेलू मूल्य संवर्धन और उद्योग का विश्वास बढ़े।
दर युक्तिकरण: कर स्लैब की संख्या घटाना, आवश्यक व आकांक्षी वस्तुओं पर कर कम करना, और मुआवजा उपकर खत्म होने के बाद दरों में दीर्घकालिक संतुलन लाना।
जीवन को आसान बनाना:छोटे व्यवसायों व स्टार्टअप्स के लिए आसान पंजीकरण, पूर्व-भरे हुए रिटर्न, और निर्यातकों व उल्टे शुल्क ढांचे वाले क्षेत्रों के लिए तेज व स्वचालित रिफंड।

केंद्र सरकार ने इन प्रस्तावों को जीएसटी परिषद की मंत्रियों के समूह (GoM) को भेजा है। आने वाले हफ्तों में राज्यों के साथ सहमति बनाकर इन्हें मौजूदा वित्तीय वर्ष में लागू करने का लक्ष्य है।

सरकार का कहना है कि यह सुधार जीएसटी को एक सरल, स्थिर और पारदर्शी कर प्रणाली में बदल देंगे, जो समावेशी विकास को बढ़ावा देगा और देश में ‘Ease of Doing Business’ को और मजबूत करेगा।