लद्दाख में इसरो के स्पेस प्रोजेक्ट्स से विकास को मिलेगी रफ़्तार

नई दिल्ली, 20 अगस्त (PIB) —
लद्दाख में संचार, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आपदा प्रबंधन और जलवायु अध्ययन को नई दिशा देने के लिए इसरो (ISRO) कई बड़े अंतरिक्ष प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
🚀 नए सैटेलाइट मिशन
मंत्री ने बताया कि इसरो वर्ष 2027-28 तक Resourcesat-3 और 3A, Resourcesat-3S और 3SA, HRSAT, G20 Satellite और TRISHNA Satellite को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। इनसे देशभर में रिमोट सेंसिंग ऑब्ज़र्वेशन बेहतर होंगे और लद्दाख क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा।
वर्तमान में कार्टोसैट-2 सीरीज, कार्टोसैट-3, रिसोर्ससैट-2 और 2A, RISAT-1A, INSAT-3DR और 3DS, ओशन्सैट-3 और NISAR जैसे कई उपग्रहों से भी लद्दाख को डेटा उपलब्ध कराया जा रहा है।
📡 डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार
डॉ. सिंह ने बताया कि लद्दाख में संचार व्यवस्था मज़बूत करने के लिए 12 भारतीय संचार उपग्रह कवरेज दे रहे हैं। इसके अलावा 10 विदेशी सैटेलाइट और 3 लो अर्थ ऑर्बिट/मीडियम अर्थ ऑर्बिट कॉन्स्टेलेशन को भी भारत में सेवाएं देने की अनुमति दी गई है। इससे टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड नेटवर्क को बढ़ावा मिलेगा।
🌱 लद्दाख पर केंद्रित स्पेस एप्लीकेशन
इसरो/अंतरिक्ष विभाग ने लद्दाख के लिए कई विशेष प्रोजेक्ट शुरू किए हैं:
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LAMA (Ladakh Specific Modelling and Space Applications): प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिक अध्ययन। एक कस्टमाइज्ड जियो-पोर्टल भी बनाया गया है।
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Geo-Ladakh पोर्टल: जैव संसाधनों का विस्तार, कृषि- बागवानी प्रबंधन, आर्टिफिशियल ग्लेशियर, जल संरक्षण, सौर एवं पवन ऊर्जा उपयोग, बाढ़ खतरे का आकलन आदि।
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AMRUT-1.0: उपग्रह डेटा से लेह और कारगिल के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान।
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AMRUT-2.0: लेह और कारगिल में वाटरबॉडी सूचना प्रणाली का विकास।
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LULC विश्लेषण: भूमि उपयोग और भूमि आवरण में परिवर्तन का आकलन (2020-21 और 2025-26)।
⚠️ आपदा प्रबंधन और निगरानी
इसरो का Disaster Management Support Programme (DMSP) हिमालय और लद्दाख क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सैटेलाइट डेटा आधारित सहयोग देता है।
साथ ही, “Mountain Ecosystem Studies of North-west Himalaya” परियोजना के तहत हिमालयी संसाधनों, प्राकृतिक आपदाओं और भू-गतिकी की निगरानी की जा रही है।
🔭 हनले में बनेगा उन्नत टेलीस्कोप
NETRA (Network for Space Object Tracking and Analysis) परियोजना के तहत लद्दाख के हनले में एक अत्याधुनिक ऑप्टिकल टेलीस्कोप स्थापित किया जा रहा है, जो भू-स्थैतिक कक्षा (GEO) में अंतरिक्ष वस्तुओं की ट्रैकिंग करेगा।
🌍 संसदीय जवाब का महत्व
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन सभी पहलों से लद्दाख न केवल डिजिटल और स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़ा रहेगा बल्कि क्षेत्रीय विकास, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी बड़ी सहायता मिलेगी।