नीति आयोग ने जारी की रिपोर्ट – “रीथिंकिंग होमस्टेज़: नेविगेटिंग पॉलिसी पाथवे”

22 August, 2025, 7:33 pm


नई दिल्ली, 22 अगस्त 2025:
भारत में पर्यटन क्षेत्र की बदलती तस्वीर और ग्रामीण-अर्धशहरी इलाकों में रोज़गार व आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए निति आयोग ने आज अपनी नई रिपोर्ट “रीथिंकिंग होमस्टेज़: नेविगेटिंग पॉलिसी पाथवे” जारी की। यह रिपोर्ट इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के सहयोग से तैयार की गई है।

रिपोर्ट का विमोचन नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम निदेशक युगल किशोर जोशी, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और राज्यों (गोवा, केरल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।


 रिपोर्ट की प्रमुख बातें

  • होमस्टे सिर्फ ठहराव नहीं, सांस्कृतिक अनुभव भी
    रिपोर्ट में कहा गया है कि होमस्टे पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर यह स्थानीय समुदाय को रोज़गार और आय का अवसर भी प्रदान करते हैं।

  • पारदर्शी और हल्का नियामक ढांचा ज़रूरी
    इसमें ज़ोर दिया गया है कि नीतिगत दृष्टिकोण लाइट-टच और ट्रांसपेरेंट होना चाहिए ताकि पर्यटकों और गृहस्वामियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, विरासत संरक्षित रहे और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले।

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और विश्वास निर्माण
    रिपोर्ट में कहा गया है कि होमस्टे सेक्टर को मजबूत करने के लिए डिजिटल इंटीग्रेशन बेहद ज़रूरी है। इससे उपभोक्ता का विश्वास बढ़ेगा और छोटे उद्यमी बड़े स्तर पर अपनी सेवाएँ प्रदान कर पाएंगे।

  • राज्यों से सीख
    रिपोर्ट में गोवा, केरल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के बेस्ट प्रैक्टिस और केस स्टडी शामिल किए गए हैं, जिन्हें मॉडल की तरह अपनाया जा सकता है।

 पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप पर ज़ोर

इस रिपोर्ट के विमोचन में IAMAI, ISPP, MakeMyTrip, Airbnb, Chase India और The Convergence Foundation के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। यह दर्शाता है कि सरकार और निजी क्षेत्र की साझेदारी से ही एक सशक्त और टिकाऊ होमस्टे इकोसिस्टम विकसित किया जा सकता है।


नीति आयोग की दृष्टि

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि –

  • राज्यों को लचीली नीति (flexible policy) अपनानी चाहिए।

  • होमस्टे मालिकों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर बल दिया जाना चाहिए।

  • स्थानीय समुदाय को इस मॉडल में शामिल करना होगा ताकि समावेशी और सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित हो।

 

निति आयोग की यह रिपोर्ट साफ करती है कि भारत में होमस्टे और BnB सेक्टर सिर्फ पर्यटन का हिस्सा नहीं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्थानीय उद्यमिता और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी अहम है। यदि नीतिगत सिफारिशों पर गंभीरता से अमल किया गया तो भारत का होमस्टे सेक्टर न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘विकसित भारत’ की दिशा में भी अहम योगदान देगा।

रिपोर्ट यहाँ उपलब्ध है:
 Rethinking Homestays: Navigating Policy Pathways (NITI Aayog)