2040 में चंद्रमा से गूंजेगा ‘विकसित भारत 2047’ का संकल्प: डॉ. जितेंद्र सिंह

23 August, 2025, 5:39 pm

नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025।
भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को नेशनल स्पेस डे समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2040 में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह से ‘विकसित भारत 2047’ की घोषणा करेगा। यह पल न सिर्फ़ भारत बल्कि पूरी मानवता के लिए ऐतिहासिक संदेश होगा कि भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू ली हैं।

भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष अभियान सिर्फ़ रॉकेट और उपग्रह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आम नागरिकों के जीवन को सशक्त बनाने, विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय विकास को गति देने का माध्यम है।

 15 साल की अंतरिक्ष रोडमैप

  • 2025 से 2040 तक 100 से अधिक उपग्रह प्रक्षेपण का लक्ष्य।

  • इनमें से 70% छोटे उपग्रह होंगे।

  • सरकारी तकनीकी मिशन और निजी क्षेत्र की भागीदारी से यह लक्ष्य पूरा होगा।

  • अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग खाद्य एवं जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय स्थिरता और समावेशी विकास में होगा।

 आने वाले प्रमुख मिशन

  • 2025 – NavIC लॉन्च और मानव-रोबोट मिशन “वायुमित्रा”

  • 2027 – भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान

  • 2028 – चंद्रमित्र मिशन

  • आगे – चंद्रयान-4, शुक्र ग्रह मिशन, और भारत अंतरिक्ष स्टेशन (2035 तक)

  • 2040 – भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरेंगे।

 गगनयान के चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री

  • ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला

  • ग्रुप कैप्टन प्रसन्नथ बालकृष्णन नायर

  • ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन

  • ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप

ये सभी कार्यक्रम में मौजूद रहे और अपनी तैयारी की झलक साझा की।

 युवा नवाचार को बढ़ावा

  • भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन 2025 – 61,000 छात्रों की भागीदारी, 8,744 टीमों में से टॉप 3 विजेता टीमों को सम्मान।

  • ISRO Robotics Challenge (IRoC-U 2025) – “Fly me on Mars” थीम पर आधारित प्रतियोगिता, जिसमें छात्रों ने जीपीएस-रहित वातावरण में स्वायत्त नेविगेशन सिस्टम विकसित किए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “भारत अब फॉलोअर नहीं रहा, आज दुनिया की बड़ी स्पेस एजेंसियां अपनी परियोजनाओं में भारत को जोड़ना चाहती हैं।”