हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित

26 August, 2025, 5:36 pm

 

नई दिल्ली, 26 अगस्त: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में आज तीन अहम विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025, हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025, तथा हरियाणा नगर क्षेत्र से बाहर नागरिक सुविधाओं और अवसंरचना की कमी वाले क्षेत्रों (विशेष उपबंध) संशोधन अधिनियम, 2025 शामिल हैं।

हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025

इस विधेयक के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य की समेकित निधि (Consolidated Fund) से ₹4251 करोड़ 04 लाख 93 हजार 881 रुपये की राशि विभिन्न सेवाओं पर व्यय के लिए अधिकृत की गई। यह राशि 31 मार्च 2026 तक राज्य सरकार के विकास एवं प्रशासनिक कार्यों में उपयोग होगी।

 हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025

यह विधेयक राज्य में लागू हरियाणा जीएसटी अधिनियम, 2017 में संशोधन के लिए पारित किया गया। संशोधन का उद्देश्य इसे केंद्रीय जीएसटी अधिनियम 2017 में हाल ही में किए गए बदलावों के अनुरूप बनाना है।
मुख्य प्रावधान:

  • “यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग” की परिभाषा जोड़कर Track-and-Trace व्यवस्था लागू की जाएगी।

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से जुड़ी अस्पष्टताओं को दूर किया गया।

  • क्रेडिट नोट्स के मामले में आईटीसी वापसी (reversal) की अनिवार्यता स्पष्ट की गई।

  • धारा 107 में संशोधन कर केवल दंड वाले मामलों की अपील पर 10% अग्रिम जमा (pre-deposit) अनिवार्य किया गया।

  • धारा 122-ए जोड़ी गई जिसके अंतर्गत Track-and-Trace नियमों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है।

  • धारा 148-ए के तहत विशेष वस्तुओं की आपूर्ति पर प्रभावी निगरानी और नियंत्रण का अधिकार दिया गया।

  • अनुसूची-III में नया उपबंध जोड़कर यह स्पष्ट किया गया कि SEZ या Free Trade Warehousing Zone में निर्यात या घरेलू आपूर्ति से पहले माल की आपूर्ति को न तो वस्तुओं की आपूर्ति माना जाएगा और न ही सेवाओं की।

 हरियाणा नगर क्षेत्र से बाहर नागरिक सुविधाओं और अवसंरचना की कमी वाले क्षेत्रों (विशेष उपबंध) संशोधन अधिनियम, 2025

यह संशोधन अधिनियम मूल अधिनियम 2021 में बदलाव के रूप में पारित किया गया। इस कानून का उद्देश्य नगर निगम क्षेत्र से बाहर विकसित अनधिकृत कॉलोनियों और औद्योगिक क्षेत्रों में नागरिक सुविधाएँ और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है।

  • अब तक राज्य में लगभग 2,145 अनधिकृत रिहायशी कॉलोनियों का नियमितीकरण किया जा चुका है।

  • 2021 के कानून के तहत 684 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

  • मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि अब अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

  • नए संशोधन के अनुसार, यदि कम से कम 50 उद्यमी जिनकी इकाइयाँ न्यूनतम 10 एकड़ संलग्न भूमि पर स्थित हों, सामूहिक रूप से पोर्टल पर आवेदन करते हैं तो ऐसी औद्योगिक इकाइयों को तब तक वैध माना जाएगा जब तक सरकार उनके आवेदन पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती।

राज्य सरकार का कहना है कि इस कदम से अनधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों को भी मूलभूत नागरिक सुविधाएँ और आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का प्राथमिक उद्देश्य ऐसे क्षेत्रों में स्वस्थ वातावरण और संतुलित शहरी विकास सुनिश्चित करना है। कुल मिलाकर, इन तीन विधेयकों से हरियाणा सरकार ने राज्य में वित्तीय अनुशासन, कर व्यवस्था की पारदर्शिता और शहरी-औद्योगिक ढांचे के संतुलित विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।