SAIL ने INS उदयगिरि और INS हिमगिरि के लिए सप्लाई किया 8,000 टन क्रिटिकल ग्रेड स्टील

26 August, 2025, 8:01 pm

 

विशाखापट्टनम, 26 अगस्त 2025

भारत की नौसेना शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इन अत्याधुनिक फ्रिगेट्स के निर्माण में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

भारत सरकार के इस महारत्न उपक्रम ने करीब 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति की, जो इन युद्धपोतों की रीढ़ साबित हुई। यह स्टील एसएआईएल के भिलाई, बोकारो और राउरकेला संयंत्रों से तैयार कर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) को उपलब्ध कराया गया।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

रक्षा उत्पादन में आयात पर निर्भरता कम करने और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एसएआईएल ने पिछले कई दशकों में युद्धपोतों, टैंकों और मिसाइलों के लिए विशेष गुणवत्ता वाली प्लेट्स और शीट्स की आपूर्ति की है। राउरकेला स्टील प्लांट का स्पेशल प्लेट प्लांट अकेले 1 लाख टन से अधिक क्रिटिकल ग्रेड स्टील विभिन्न रक्षा परियोजनाओं के लिए दे चुका है।

एसएआईएल और नौसेना का अटूट रिश्ता

INS उदयगिरि और हिमगिरि से पहले भी एसएआईएल ने कई प्रतिष्ठित नौसैनिक जहाजों के लिए स्टील सप्लाई की है। इनमें INS विक्रांत, INS निलगिरी, INS अजय, INS निस्तार, INS अर्नाला, INS विंध्यगिरि और INS सूरत जैसे जहाज शामिल हैं।

स्वदेशी रक्षा इकोसिस्टम की ताकत

इन दोनों फ्रिगेट्स का नौसेना में शामिल होना यह दर्शाता है कि भारत अब पूरी तरह से स्वदेशी रक्षा तंत्र विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आधारभूत स्टील से लेकर डिज़ाइन और तकनीकी विशेषज्ञता तक—हर स्तर पर भारतीय क्षमताओं का समावेश हुआ है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह न केवल भारतीय नौसेना की शक्ति का प्रतीक है बल्कि देश की आत्मनिर्भरता और सामरिक क्षमता का भी प्रमाण है।