"विकसित भारत के साथ नैतिक भारत भी जरूरी" – प्रभात कुमार

28 August, 2025, 12:47 pm

 

नई दिल्ली, 27 अगस्त 2025
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा अकादमी (PDNASS) में बुधवार को “री-इमैजिनिंग गवर्नेंस: डिस्कोर्स फॉर एक्सीलेंस” (RGDE) के 21वें संस्करण का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन सत्र में मुख्य वक्ता रहे देश के पूर्व कैबिनेट सचिव, झारखंड के पहले राज्यपाल और आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस के अध्यक्ष प्रभात कुमार

नैतिकता ही सुशासन की आत्मा

प्रभात कुमार ने “बियॉन्ड कंप्लायंस: एम्बेडिंग एथिक्स इन पब्लिक सर्विस” विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सुशासन केवल नियमों के पालन तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि इसे करुणा और न्याय से भी परिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने चौधरी चरण सिंह की सीख को उद्धृत करते हुए कहा— “हर फाइल के पीछे एक जिंदगी होती है। जब कई विकल्प सही दिखते हों, तब प्रशासनिक अधिकारी को वही रास्ता चुनना चाहिए जो न्यायपूर्ण और करुणामय हो।”

उन्होंने समझाया कि विनम्रता का अर्थ है—सत्य को कहीं से भी स्वीकार करने की क्षमता। प्रशासनिक अधिकारियों को उन्होंने संदेश दिया कि उन्हें अपने चार्टर ऑफ ड्यूटी से आगे बढ़कर, अपेक्षा से अधिक कार्य करना चाहिए।

भ्रष्टाचार से परे नैतिकता का दायरा

प्रभात कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है, लेकिन नैतिकता का दायरा उससे कहीं व्यापक है। असली नैतिकता यह है कि अधिकारी सहकर्मियों और नागरिकों से कैसे व्यवहार करते हैं, अपनी जिम्मेदारी कैसे निभाते हैं और क्या वे बिना मेहनत के श्रेय लेने से बचते हैं। उनके शब्दों में— “एथिक्स वही अंतर है जो हम करते हैं और जो हमें करना चाहिए।”

उन्होंने नैतिक प्रशासन के लिए आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस का त्रिआयामी सूत्र साझा किया:

  1. जो सही है, वह करो।

  2. केवल सही ही नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण और करुणामय भी रहो।

  3. अपेक्षा से अधिक करो।

सत्र के समापन पर उन्होंने कहा— “विकसित भारत के साथ नैतिक भारत भी जरूरी है।”

ईपीएफओ की भूमिका और नई पहल

कार्यक्रम में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने कहा कि ईपीएफओ करोड़ों श्रमिकों, पेंशनरों और नियोक्ताओं के विश्वास का संरक्षक है। उन्होंने तेज डिजिटल क्लेम निपटान, निधि आपके निकट जैसी पहल और आगामी एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म का उल्लेख किया। उनका कहना था— “टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारे सिस्टम की असली मजबूती नैतिकता से आती है। प्रधानमंत्री विक्सित भारत रोज़गार योजना का जिम्मा मिलना हमारे लिए सम्मान और जिम्मेदारी दोनों है।”

पीडीएनएएसएस के निदेशक कुमार रोहित ने बताया कि यह मंच प्रशासनिक सेवाओं में मूल्यों को पुनः जोड़ने का अवसर देता है। उन्होंने दो नई प्रशिक्षण पहल की जानकारी दी—

  • Compassion in Governance (नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के मूवमेंट फॉर ग्लोबल कंपैशन के सहयोग से)

  • डिज़ाइन थिंकिंग वर्कशॉप (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद के सहयोग से)

उत्साही भागीदारी

कार्यक्रम का संचालन आरपीएफसी उत्तम प्रकाश ने किया। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में प्रभात कुमार का परिचय देते हुए कहा कि “तेज़ दिमाग कभी रिटायर नहीं होते, वे बस नए सवाल गढ़ते हैं।”

इस ऑनलाइन सत्र में देशभर से करीब 800 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।