भारत में मोबाइल उपकरणों के लिए पहली टेम्पर्ड ग्लास निर्माण इकाई नोएडा में शुरू

नोएडा, 30 अगस्त 2025।
भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नोएडा में देश की पहली टेम्पर्ड ग्लास मैन्युफैक्चरिंग फ़ैसिलिटी का उद्घाटन किया। यह संयंत्र ऑप्टीमस इलेक्ट्रॉनिक्स और अमेरिकी कंपनी कॉर्निंग इन्कॉरपोरेटेड के सहयोग से स्थापित किया गया है और विश्वप्रसिद्ध ब्रांड Engineered by Corning के तहत उच्च गुणवत्ता वाला टेम्पर्ड ग्लास तैयार करेगा।
भारत बनेगा मोबाइल उपकरण निर्माण का वैश्विक केंद्र
श्री वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फ़ोन का हर पुर्जा अब भारत में तैयार किया जाएगा—चाहे वह चिप हो, कवर ग्लास, लैपटॉप या सर्वर कंपोनेंट। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही मेड इन इंडिया चिप भी बाज़ार में आने वाली है। यह आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया विज़न की दिशा में बड़ा मील का पत्थर होगा।
11.5 लाख करोड़ का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन, 2.5 मिलियन नौकरियाँ
मंत्री ने बताया कि बीते 11 वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़कर ₹11.5 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। इसमें से ₹3 लाख करोड़ का निर्यात हुआ है और सीधे व परोक्ष रूप से 25 लाख लोगों को रोज़गार मिला है। उन्होंने कहा कि देश की डिज़ाइन क्षमता उसकी सबसे बड़ी ताकत है, और सरकार अनुसंधान एवं विकास (R&D) को और मज़बूत बनाएगी।
IIT स्टार्टअप से पहला भारतीय माइक्रोकंट्रोलर
श्री वैष्णव ने उदाहरण देते हुए कहा कि IIT मद्रास से जुड़े एक स्टार्टअप ने भारत का पहला माइक्रोकंट्रोलर डिज़ाइन किया है, जो जल्द ही भारतीय उत्पादों में इस्तेमाल होगा। रेलवे क्षेत्र में भारतीय निर्माता पहले से ही यूरोपीय देशों को उच्चतम गुणवत्ता वाले उपकरण निर्यात कर रहे हैं।
7.8% की जीडीपी वृद्धि, स्थिर और नवाचार-प्रधान अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8% GDP वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर, जीवंत और नवाचार-प्रधान है। मंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में अपना योगदान दें।
उद्योग जगत की प्रतिक्रियाएँ
ऑप्टीमस इन्फ्राकॉम लिमिटेड के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि यह पहल भारतीय मोबाइल उद्योग के लिए ऐतिहासिक है। भारत दुनिया का बड़ा मोबाइल बाज़ार है, लेकिन अब तक टेम्पर्ड ग्लास के लिए आयात पर निर्भर रहा। अब हमारा लक्ष्य है कि हर भारतीय उपभोक्ता बीआईएस प्रमाणित, मेड इन इंडिया टेम्पर्ड ग्लास का इस्तेमाल करे।
ICEA (India Cellular & Electronics Association) के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि यह उत्पाद श्रेणी श्रम-प्रधान है और भारत के लिए रोज़गार सृजन तथा निर्यात में बड़ी संभावनाएँ रखती है। उच्च गुणवत्ता वाला घरेलू निर्माण एमएसएमई को मज़बूती देगा और भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सेसरीज़ निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाएगा।
टेम्पर्ड ग्लास का बाज़ार और निवेश
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भारतीय बाज़ार: 500 मिलियन पीस (मूल्य लगभग ₹20,000 करोड़)
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वैश्विक बाज़ार: 60 अरब अमेरिकी डॉलर
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निवेश: पहले चरण में ₹70 करोड़, उत्पादन क्षमता 25 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष, 600 से अधिक लोगों को रोज़गार
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दूसरा चरण: अतिरिक्त निवेश ₹800 करोड़, उत्पादन क्षमता 200 मिलियन यूनिट, 4,500 से अधिक प्रत्यक्ष रोज़गार
यह फ़ैसिलिटी scribing, chamfering, polishing, chemical tempering, coating, printing और lamination जैसे सभी आधुनिक निर्माण चरणों से सुसज्जित है और भारतीय उपभोक्ताओं को पहली बार अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता का टेम्पर्ड ग्लास उपलब्ध कराएगी।