पहली बार देश में न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट टेस्टिंग रेफरल लैबोरेट्रीज़ की औपचारिक घोषणा

नई दिल्ली, 30 अगस्त 2025 –
खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्रालय (MYAS) ने आज अशोक होटल, नई दिल्ली में स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस अवसर पर केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पहली बार देश में न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट टेस्टिंग रेफरल लैबोरेट्रीज़ की औपचारिक घोषणा की।
खेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और दो प्रमुख संस्थानों के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत इन प्रयोगशालाओं को स्थापित किया गया है:
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नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU), गांधीनगर, गुजरात
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फ़ार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), हैदराबाद
दोनों लैब्स को NABL मान्यता और FSSAI रेफरल लैब अप्रूवल प्रदान किया गया है।
क्यों है यह कदम अहम?
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अब तक भारत में खिलाड़ियों के लिए सप्लीमेंट्स की डोपिंग जांच हेतु कोई समर्पित लैब नहीं थी।
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इस कारण खिलाड़ियों को अक्सर संदूषित या प्रतिबंधित पदार्थ वाले सप्लीमेंट्स का जोखिम उठाना पड़ता था।
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कई बार खिलाड़ी अनजाने में डोपिंग उल्लंघन के शिकार हो जाते थे।
इन नई प्रयोगशालाओं में विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) द्वारा प्रतिबंधित पदार्थों की जांच की जाएगी। इससे:
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खिलाड़ियों को सुरक्षित और प्रमाणित सप्लीमेंट्स मिलेंगे।
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अनजाने में डोपिंग उल्लंघन से बचाव होगा।
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खेलों में फेयर प्ले और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
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भारत का एंटी-डोपिंग ढांचा मजबूत होगा और वैज्ञानिक क्षमता भी बढ़ेगी।
डॉ. मांडविया ने कहा कि यह पहल भारतीय खेलों के लिए मील का पत्थर है, जिससे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।