PM MODI को भेंट किए गए पहले ‘मेड-इन-इंडिया’ चिप्स,

2 September, 2025, 9:22 pm

 

 

नई दिल्ली, 2 सितंबर 2025 – भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा आज एक ऐतिहासिक मुकाम पर पहुँची जब पहले मेड-इन-इंडिया चिप्स का सेट प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्तुत किया।

दिसंबर 2021 में शुरू हुई इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) ने सिर्फ साढ़े तीन साल में मंजूरी से उत्पादन तक की यात्रा पूरी की है। इस अवसर पर श्री वैष्णव ने कहा कि यह भारत के लिए गौरव और विश्वास का क्षण है, जो प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि, मजबूत इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व का परिणाम है।

 प्रमुख घोषणाएँ – Semicon India 2025

  • 12 MoUs पर हस्ताक्षर – जिनमें कैमरा मॉड्यूल, IoT चिपसेट, माइक्रोफोन, मिनिएचर पैकेजिंग और डिज़ाइन इकोसिस्टम के विकास पर जोर।

  • $1 बिलियन डीप टेक एलायंस – सेमीकंडक्टर, क्लीन एनर्जी, क्वांटम टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और स्पेस सेक्टर के लिए वेंचर कैपिटल समर्थन।

  • ISM 2.0 का शुभारंभ – पहले चरण में बनाए गए फेब्स, OSAT, कैपिटल इक्विपमेंट और मटीरियल्स के बाद अब भारत को “प्रोडक्ट नेशन” बनाने की योजना।

  • लागत प्रतिस्पर्धा – भारत का सेमीकंडक्टर उत्पादन वैश्विक औसत से 15–30% अधिक किफायती

  • प्रतिभा विकास – 78 विश्वविद्यालयों में उन्नत EDA टूल्स का इस्तेमाल, 20 छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए चिप्स का प्रदर्शन।

  • स्टार्टअप्स और नवाचार – 28 से अधिक स्टार्टअप्स ने प्रोजेक्ट से प्रोडक्ट की ओर कदम बढ़ाए, IIT मद्रास सहित संस्थानों ने स्वदेशी माइक्रोकंट्रोलर और प्रोसेसर जारी किए।

 वैश्विक भरोसा और भागीदारी

कार्यक्रम में ASML, Lam Research, Applied Materials, Merck, Tokyo Electron जैसे वैश्विक सेमीकंडक्टर दिग्गज भी मौजूद रहे। मंत्री ने कहा कि यह भारत के सेमीकंडक्टर मिशन पर विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है।

 प्रधानमंत्री को छात्रों की भेंट

एक अनूठे कार्यक्रम में सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL), मोहाली में छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए 20 चिप्स भी प्रधानमंत्री को भेंट किए गए। श्री वैष्णव ने बताया कि आज भारत का सेमीकंडक्टर टैलेंट पूल दुनिया की कुल वर्कफोर्स का लगभग 20% है।

 

$1 ट्रिलियन सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री 2030 के लक्ष्य की दिशा में भारत ने बड़ा कदम उठाया है। टैलेंट, ट्रस्ट और टेक्नोलॉजी की त्रिवेणी से भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि दुनिया के लिए विश्वसनीय सेमीकंडक्टर हब के रूप में उभरेगा।