जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार: उपभोक्ताओं को राहत, छोटे व्यापारियों को सशक्तिकरण :कैट

4 September, 2025, 10:24 am

 

नई दिल्ली।
देशभर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने हाल ही में हुए जीएसटी सुधारों और टैक्स स्लैब के पुनर्गठन को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार दिया है। कैट का कहना है कि ये सुधार न केवल छोटे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित होंगे, बल्कि टैक्स सिस्टम को सरल और उपभोग को बढ़ावा देकर व्यापारिक गतिविधियों में नई ऊर्जा का संचार करेंगे।

कैट के महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने देशभर के व्यापारियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 400 से अधिक वस्तुओं पर कर में कमी आम जनता के *दैनिक खर्चों में बड़ी राहत* लाएगी और साथ ही टैक्स सिस्टम की कार्यक्षमता को मजबूत करेगी।
उन्होंने इसे “प्रधानमंत्री मोदी की ओर से देशवासियों के लिए बड़ा दिवाली गिफ्ट” बताया।

खपत में 7-8% की बढ़ोतरी का अनुमान – SBI रिपोर्ट

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इन जीएसटी सुधारों से घरेलू खपत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले त्योहारी सीजन में खपत 7-8% तक बढ़ सकती है, जिससे खुदरा व्यापार और छोटे दुकानदारों को सीधा लाभ मिलेगा।
यह बढ़ी हुई खपत न केवल व्यापार को बढ़ाएगी बल्कि छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए भी नए अवसर खोलेगी।

 मध्य वर्ग और सीनियर सिटिज़न को राहत

उन्होंने कहा कि बीमा सेवाओं को जीएसटी से मुक्त करने का फैसला सरकार की एक बड़ी राहत योजना है।

इससे *स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम सस्ता होगा। महामारी के बाद और लगातार बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों के बीच यह कदम मध्य वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे बीमा कवरेज बढ़ाने की दिशा में भी प्रोत्साहन मिलेगा।

बहुआयामी लाभ और रोजगार सृजन

खंडेलवाल ने कहा कि इन सुधारों का असर बहुआयामी होगा।कम टैक्स दरों से उपभोक्ता ज्यादा खर्च करने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।बढ़ी हुई मांग से उद्योगों को उत्पादन बढ़ाना होगा, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। टैक्स स्लैब की सरलीकरण से जीएसटी अनुपालन आसान और कम खर्चीला होगा।
 दो प्रमुख टैक्स स्लैब से राजस्व संग्रह बेहतर होगा और व्यापारिक माहौल में स्थिरता आएगी।

GDP पर सकारात्मक असर

कैट का कहना है कि आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, इन सुधारों का *भारत की जीडीपी पर सीधा असर पड़ेगा।बढ़ी हुई खपत और औद्योगिक उत्पादन के कारण अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ में 0.5% से 0.7% तक की अतिरिक्त बढ़ोतरी हो सकती है। इससे सरकार की राजस्व वृद्धि होगी और भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति*और मजबूत बनेगी।

आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम

खंडेलवाल ने कहा कि ये सुधार केवल टैक्सेशन में बदलाव नहीं, बल्कि भारतीय व्यापार के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय हैं।उन्होंने कहा, "ये कदम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक बड़ी छलांग हैं। आने वाले समय में इनका असर न केवल छोटे व्यापारियों पर, बल्कि **देश की संपूर्ण आर्थिक प्रगति* पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।"