राष्ट्रीय राजमार्गों पर ‘जीरो फेटैलिटी’ लक्ष्य हासिल करने के लिए NHAI ने अपने रोड सेफ्टी अफसरों व ऑडिटर्स को दी ट्रेनिंग
नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025 – सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने आज नई दिल्ली में एक दिवसीय रोड सेफ्टी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में देशभर के रोड सेफ्टी ऑफिसर्स (RSOs) और रोड सेफ्टी ऑडिटर्स (RSAs) ने हिस्सा लिया।
इस प्रशिक्षण का उद्घाटन सेवानिवृत्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और निदेशक, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, श्री के.एन. श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में NHAI सदस्य (प्रशासन) श्री विशाल चौहान सहित मुख्यालय और फील्ड ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह प्रशिक्षण ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ के सहयोग से आयोजित किया गया।
मुख्य फोकस – तकनीक के जरिए रोड सेफ्टी में सुधार
कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई, जिसमें ड्रोन आधारित AI एवं मशीन लर्निंग मॉड्यूल – ड्रोन एनालिटिक्स मॉनिटरिंग सिस्टम (DAMS) के माध्यम से दुर्घटना-प्रवण स्थलों की पहचान, विस्तृत निरीक्षण प्रक्रिया, स्पॉट-स्पेसिफिक मिटीगेशन प्लान, कंस्ट्रक्शन ज़ोन सेफ्टी, और पोस्ट-इंप्लीमेंटेशन मॉनिटरिंग शामिल थे।
‘जीरो फेटैलिटी अटेनमेंट’ (ZFA) पहल
सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाली रोकी जा सकने वाली मौतों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए जीरो फेटैलिटी अटेनमेंट (ZFA) दृष्टिकोण तैयार किया है। इसके तहत:
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77 राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,083 हाई फेटैलिटी ज़ोन (HFZ) की पहचान की गई है।
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6,948 क्रिटिकल स्पॉट्स पर विशेष इंजीनियरिंग सुधार कार्य होंगे।
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दुर्घटनाओं के वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए e-DAR (इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
अधिकारियों के बयान
श्री के.एन. श्रीवास्तव ने कहा –
"सड़क सुरक्षा एक गंभीर चुनौती है, जिसे आधुनिक तकनीक और बेहतर रणनीति के माध्यम से हल किया जा सकता है। NHAI का यह प्रयास देशभर में सुरक्षित यात्रा के लिए महत्वपूर्ण कदम है।"
श्री विशाल चौहान ने अपने संबोधन में कहा –
"सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के तीन अहम स्तंभ हैं – इंजीनियरिंग इंटरवेंशन, मानव व्यवहार, और वाहन इंजीनियरिंग। हमारा लक्ष्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर ‘जीरो फेटैलिटी’ हासिल करना है। इसके लिए सभी हितधारकों का सहयोग और डेटा-ड्रिवन स्ट्रैटेजी जरूरी है।"
2030 तक सड़क दुर्घटना में 50% कमी का लक्ष्य
भारत सरकार का मिशन है कि 2030 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में 50% की कमी लाई जाए। इसके लिए रोड सेफ्टी एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसमें इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और ट्रॉमा केयर के क्षेत्र में लक्षित सुधार किए जाएंगे।