भारत ने दुबई में किया ऐतिहासिक UPI–UPU इंटीग्रेशन लॉन्च

दुबई, 9 सितंबर 2025
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (Universal Postal Congress) में UPI–UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। यह ऐतिहासिक पहल दुनियाभर में रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए सीमा-पार धन प्रेषण (cross-border remittances) को तेज़, सुरक्षित और बेहद किफायती बनाने जा रही है।
इस परियोजना को डाक विभाग (DoP), NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के सहयोग से तैयार किया गया है। इसके तहत भारत का डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब वैश्विक डाक नेटवर्क से जुड़ेगा।
सिंधिया बोले – यह सिर्फ तकनीक नहीं, सामाजिक क्रांति है
शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा,
“यह केवल एक तकनीकी लॉन्च नहीं बल्कि सामाजिक संकल्प है। डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और UPI की गति का संगम, सीमाओं के पार रहने वाले परिवारों को तेज़, सुरक्षित और सस्ती सेवाएं देगा। यह साबित करता है कि नागरिकों के लिए बनी सार्वजनिक डिजिटल व्यवस्था वैश्विक स्तर पर मानवता की सेवा कर सकती है।”
डाक क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए चार सूत्री दृष्टि
सिंधिया ने वैश्विक डाक तंत्र को आधुनिक और समावेशी बनाने के लिए चार प्रमुख बिंदु प्रस्तुत किए:
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कनेक्ट (Connect): डेटा आधारित लॉजिस्टिक्स के माध्यम से निर्बाध संपर्क।
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इंक्लूड (Include): प्रवासी मजदूरों और छोटे डिजिटल उद्यमों तक सस्ती डिजिटल वित्तीय सेवाओं की पहुंच।
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मॉडर्नाइज़ (Modernise): AI, DigiPIN और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग।
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कोऑपरेट (Cooperate): दक्षिण-दक्षिण सहयोग के तहत तकनीकी सेल का निर्माण।
भारत पोस्ट का वैश्विक योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और विकसित भारत के विजन का उल्लेख करते हुए सिंधिया ने बताया कि:
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आधार, जनधन और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से अब तक 56 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं।
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पिछले वर्ष 90 करोड़ से अधिक पत्र और पार्सल की डिलीवरी हुई।
“यही वह पैमाना और समावेश की भावना है जिसे हम वैश्विक मंच पर लेकर जा रहे हैं।”
वैश्विक डाक क्षेत्र के लिए 10 मिलियन डॉलर का सहयोग
सिंधिया ने घोषणा की कि भारत इस चक्र में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा। यह धनराशि ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स पर विशेष ध्यान देते हुए नवाचार और तकनीकी विकास में उपयोग की जाएगी।
“सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भारत संसाधनों, विशेषज्ञता और मित्रता के साथ दुनिया के साथ खड़ा है।
UPU की दो प्रमुख परिषदों में भारत की दावेदारी
भारत ने काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल के लिए अपनी दावेदारी पेश की। सिंधिया ने कहा कि भारत समावेशी, जुड़ा हुआ और सतत विकास वाला भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
समापन में सिंधिया ने कहा,
“भारत आपके पास प्रस्ताव लेकर नहीं, साझेदारी लेकर आता है। हमारा विश्वास है कि वैश्विक वाणिज्य को निर्बाध बनाने के लिए भुगतान, पहचान, एड्रेसिंग और लॉजिस्टिक्स को आपस में जोड़ना जरूरी है।”
यह पहल भारत को वैश्विक डिजिटल और डाक नेटवर्क का प्रमुख खिलाड़ी बनाएगी और दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों व अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए सीमा-पार लेनदेन को बेहद सरल बनाएगी।