परियोजनाओं में देरी पर सीएम सख्त, प्रशासनिक सचिव स्तर पर विस्तृत समीक्षा के आदेश

नई दिल्ली, 9 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि लंबित परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की जाए और समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जो वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं, ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड और निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को पत्र जारी किया है।
पत्र के अनुसार, सभी विभागों को अपनी चल रही परियोजनाओं और मध्यस्थता (arbitration) मामलों की समीक्षा करने के साथ-साथ विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल होंगे:
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परियोजना का वित्तीय पहलू
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देरी के कारण
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जिम्मेदारी तय करने के आधार
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समय से परियोजना पूरी करने के उपाय
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से लंबित बजट घोषणाओं और महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, एक अलग पत्र के माध्यम से विभागों से निर्माण कार्यों से जुड़े लंबित मध्यस्थता मामलों की जानकारी मांगी गई है। इसमें परियोजना का विवरण, ठेकेदार या एजेंसी का नाम, वित्तीय देनदारी, पिछले तीन वर्षों में हुई मध्यस्थता के फैसले और उनका वित्तीय प्रभाव शामिल होगा। साथ ही प्रत्येक विभाग को प्रशासनिक सचिव की स्वीकृति प्राप्त संक्षिप्त नोट भी देना होगा, जिसमें निम्न बातें होंगी:
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समस्या की गंभीरता
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संभावित लापरवाहियां
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प्रमुख चिंताएं
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भविष्य के लिए स्पष्ट कार्ययोजना
राज्य में अनावश्यक देरी और वित्तीय हानि रोकने के लिए इंजीनियर-इन-चीफ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति समीक्षा कर उपयुक्त सिफारिशें देगी, ताकि राज्य सरकार की परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें और जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें।