9 युवकों पर झूठे दुष्कर्म के केस दर्ज करने वाली गुरुग्राम महिला के आरोपों से हैदराबाद युवक को राहत

हैदराबाद/गुरुग्राम, 12 सितंबर:
तेलंगाना हाईकोर्ट ने हैदराबाद के एक युवक को बड़ी राहत देते हुए अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) दे दी है। इस युवक पर गुरुग्राम की रहने वाली एक महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला पहले भी *हरियाणा में 9 अलग-अलग पुरुषों पर दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज कर चुकी है और इन सभी मामलों में उसका आरोप लगभग एक जैसा रहा है।
महिला पहले से ही विवाहित, पति पर लगाया घरेलू हिंसा का केस
अदालत को दी गई जानकारी में यह भी सामने आया कि यह महिला *पहले से ही विवाहित है* और अपने पति के खिलाफ *घरेलू हिंसा का मामला* दर्ज कर चुकी है। ऐसे में अदालत ने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णयों के अनुसार, *पहले से विवाहित महिला शादी के झांसे पर दुष्कर्म का आरोप नहीं लगा सकती।
हैदराबाद में नौकरी के बहाने आई और युवक को फंसाया
मामले के अनुसार, गुरुग्राम की यह महिला हैदराबाद में एक मेडिकल कोचिंग संस्थान में जर्मन भाषा पढ़ानेके लिए आई थी। यहां उसकी मुलाकात आरोपी युवक से हुई। महिला ने पहले युवक को लगातार कहकर *पीजी आवास दिलाने का दबाव बनाया। बाद में उसने युवक को अपने साथ **संबंध बनाने के लिए मजबूर करना शुरू किया। जब युवक ने उसके लगातार कॉल और दबाव से परेशान होकर उसके साथ संबंध जारी रखने से मना कर दिया, तो महिला ने उस पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया।
महिला पर गुरुग्राम में पहले से दर्ज हैं जबरन वसूली के केस
हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि यह महिला *गुरुग्राम में जबरन वसूली (Extortion)* के दो अलग-अलग मामलों में पहले ही आरोपी है। इन मामलों में वह एक साल से अधिक समय तक जेल में रह चुकी है और बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत प्राप्त की थी।
इन मामलों की जांच हरियाणा के डीजीपी द्वारा गठित एसआईटी ने की थी। यह जांच पुरुष अधिकार कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज की शिकायत पर करवाई गई थी।
‘क्लासिक मॉडस ऑपरेंडी’ – दीपिका नारायण भारद्वाज
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए *दीपिका नारायण भारद्वाज, निदेशक – एकम न्याय फाउंडेशन ने कहा:
"यह महिला इसी तरह पुरुषों को फंसाने का काम करती है। पहले वह किसी पुरुष से दोस्ती करती है, फिर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करती है। इसके बाद वह उस पर शादी का दबाव बनाती है और अगर पुरुष इनकार कर देता है तो उस पर दुष्कर्म का केस दर्ज कर देती है। यह महिला गुरुग्राम में एक ही साल में नौ अलग-अलग पुरुषों पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगा चुकी है। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि पुलिस ने उसकी शिकायतों के इतिहास की जांच नहीं की और निष्पक्ष जांच करने में विफल रही।"
दीपिका ने आगे कहा कि, "मैं पुलिस आयुक्त से अपील करती हूं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने साफ कहा है कि विवाहित महिला शादी के झांसे का हवाला देकर दुष्कर्म का आरोप नहीं लगा सकती।"
अदालत की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह के मामलों में झूठे दुष्कर्म के आरोपों का दुरुपयोग रोकना जरूरी है, क्योंकि इससे असली पीड़िताओं के लिए न्याय पाना कठिन हो जाता है और निर्दोष लोगों का जीवन बर्बाद हो जाता है।
इस मामले में अग्रिम जमानत का यह आदेश झूठे मुकदमों और कानून के दुरुपयोग पर एक मिसाल साबित हो सकता है।