“सीएम मान को स्पष्ट करना चाहिए कि Rs. 12,000 करोड़ SDRF फंड कहाँ है।”

12 September, 2025, 9:47 pm


चंडीगढ़ : 12 सितम्बर 2025
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने जनता द्वारा मांगे गए ज्वलंत जवाबों से अधिक सवाल पैदा किए हैं।
चुग ने कहा, “आपदा प्रबंधन, घोषणाओं और कैमरे के सामने दिए वादों से नहीं चलता। बाढ़ की मार झेल रहे लोगों को हेडलाइन नहीं, राहत चाहिए।”

चुग ने फंड के विरोधाभासी दावों पर सवाल उठाया। “एक ओर मुख्यमंत्री मान कहते हैं कि पंजाब को केवल Rs. 1,500 करोड़ मिले। दूसरी ओर पंजाब प्रशासन खुद SDRF/NDRF खातों में बड़े पैमाने पर एंट्री मान रहा है। सच कौन सा है? अगर पैसा कागज पर है तो किसानों, मज़दूरों और घर-घर तक क्यों नहीं पहुँचा?” उन्होंने पूछा।
“ 60,000 करोड़” का दावा चुग ने गढ़ा हुआ आँकड़ा बताया। उन्होंने कहा, “अगर यह असली है तो विभागवार और ज़िलावार दस्तावेज़, हस्ताक्षर और तारीखों सहित जनता के सामने रखें। नहीं तो पंजाब की जनता से माफी माँगें।”

चुग ने वादों और डिलीवरी की खाई पर भी सवाल किया। “2023 में मान सरकार ने 15,000 रूपये प्रति एकड़ मुआवज़ा घोषित किया था। ये पैसा कितनों को मिला? अब 20,000 रूपये प्रति एकड़ की बात हो रही है। घोषणा से नहीं, समयबद्ध भुगतान से ज़ख्म भरते हैं। गिरदावरी कराएँ, लाभार्थी सूची ऑनलाइन डालें और दिवाली से पहले भुगतान करें,” उन्होंने कहा।

आप नेताओं और खुद मुख्यमंत्री मान के बाढ़ के शुरुआती दिनों में अनुपस्थिति पर चुग ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आपदा पार्टी” के राज में पंजाब में सरकार है लेकिन शासन नहीं। चुग ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाया—“बिना संवैधानिक पद पर हुए पंजाब के मुख्यमंत्री को मिले संसाधनों का उपयोग करना नैतिक शासन नहीं, सरकारी मशीनरी का राजनीतिक दुरुपयोग है।”

चुग ने माँग की कि सरकार सात दिनों में SDRF/NDRF इनफ्लो, बैलेंस, ब्याज और उपयोग पर श्वेत पत्र जारी करे; बाढ़ के बाद ज़िला-वार मुआवज़े की सूची प्रकाशित करे; और हर गाँव-स्तर सर्वे के बाद सात दिन की आपत्ति अवधि तय करे और तुरंत अंतिम भुगतान करे। “अगर मान सरकार अपने आँकड़ों पर आश्वस्त है तो पारदर्शिता से डर क्यों?” चुग ने कहा।

चुग ने धुस्सी बांधों को कमजोर करने वाले अवैध खनन पर भी सवाल उठाए और पंजाब के सभी खनन टेंडरों पर सीबीआई जाँच की माँग की। उन्होंने खुलासा किया कि लुधियाना के ससराली गाँव में 18 अप्रैल 2025 को अवैध खनन पर FIR दर्ज हुई थी, फिर भी मान सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। “रेत माफिया राजनीतिक संरक्षण में पनप रहा है। यही कारण है कि मैंने इसे ‘मान-मेड डिज़ास्टर’ कहा,” चुग ने कहा।