कांग्रेस की सरकार में टूथपेस्ट पर 27, टॉफी पर 21 प्रतिशत टैक्स था, बीजेपी ने घटाकर 5 प्रतिशत किया : शुक्ला

नई दिल्ली/ रोहतक , 16 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने रोहतक में मोदी सरकार के जीएसटी सुधारों को गिनाने के साथ-साथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। मंगलवार को भाजपा कार्यालय मंगल कमल में प्रेस कांफ्रेंस में प्रेम शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय टैक्स स्ट्रक्चर शोषण करने वाला था, लेकिन वेट के मुकाबले जीएसटी ने लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। अब नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म से व्यापारी, उधोगपति और आम आदमी आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत होगा। यह मोदी सरकार का देश के लोगों को दीवाली का बड़ा तोहफा है, जो 22 सितंबर से मिलेगा।
कांग्रेस की सरकार में टूथपेस्ट पर भी 27 प्रतिशत टैक्स लगता था
श्री शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में टूथपेस्ट पर भी 27 प्रतिशत टैक्स लगता था जोकि अब मोदी सरकार में पांच प्रतिशत है। कांग्रेस सरकारें बच्चों की टॉफी पर 21 प्रतिशत टैक्स लेती थी, अब मोदी सरकार में पांच प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में साइकिल पर 17 फीसदी टैक्स होता था, लेकिन अब मोदी सरकार ने पांच प्रतिशत करके बड़ी राहत दी है। माताओं बहनों की स्वाभिमान की वस्तु सिलाई मशीन पर भी कांग्रेस की सरकार 16 प्रतिशत टैक्स लेती थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। कांग्रेस सरकार में होटलों के कमरों पर 14 प्रतिशत टैक्स था जो अब भाजपा शासन में पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि दवाईयों पर कांग्रेस की सरकारों ने 16 प्रतिशत टैक्स लगाया हुआ था, अब भाजपा सरकार ने पांच प्रतिशत कर दिया है। अनेक दवाईयों को तो टैक्स फ्री कर दिया है। मोदी सरकार ने आटा, चाय, दूध, दही, इंश्योरेंस आदि पर जीरो प्रतिशत टैक्स कर दिया है। टीवी, फ्रीज, ऐसी पर कांग्रेस के समय 31 प्रतिशत टैक्स था जो अब आधा रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो पानी पर भी 27 प्रतिशत टैक्स लेती थी और लोग भी पानी पीने में कंजूसी बरतते थे, लेकिन अब पेट भर पानी पी सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोगो के शोषण का टैक्स स्ट्रैक्चर खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कांग्रेस शोषण तंत्र को समाप्त करने का काम किया है।
जीएसटी रिफार्म से भारत की अर्थ व्यवस्था बढ़ेगी
श्री शुक्ला ने कहा कि जीएसटी रिफार्म से भारत की अर्थ व्यवस्था विश्व मे तजी से आगे बढ़ेगी। सामान्यजनों की खरीद पॉवर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनाने और राम राज्य की स्थापना की दिशा में मोदी जी का यह ऐतिहासिक कदम है जिसका भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अभिनंदन और आभार व्यक्त करता है।
एक सवाल का जवाब देते हुए प्रेम शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने तो महंगाई को कम किया है। कांग्रेस के समय में तो 27 फीसदी टैक्स था जो अब पांच प्रतिशत तक रह गया है। पिछली सरकारों में महंगाई की दर 10 प्रतिशत तक रहती थी, पिछली दिवाली पर महंगाई दर 1.8 प्रतिशत थी। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि मां-बेटा और यहां तक उनके जीजा भी भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर हैं। इंडी गठबंधन के अधिकांश नेता बेल पर है।
श्री शुक्ला ने कहा कि सीएम से पीएम तक के राजनीति सफर में पीएम मोदी पर कभी भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा है और ना ही किसी मंत्री पर कोई दाग है। एक और सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में किसान समृद्ध और सशक्त हो रहे हैं। हरियाणा में नायब सरकार किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है। श्री शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपना पूरा जीवन सेवा के लिए समर्पित किया हुआ है। पीएम मोदी के जीवन का एक-एक पल जनता के कल्याण को समर्पित है।
जीएसटी रिफार्म के माध्यम से आम लोगों को दीपावली का उपहार
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जीएसटी रिफार्म के माध्यम से आम लोगों को दीपावली का उपहार दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो भारतीय व्यवस्था है उस व्यवस्था में राम राज्य की आदर्श शासन व्यवस्था के रूप में कल्पना की गई है। महात्मा गांधी ने भी देश में राम राज्य स्थापित करने के लिए ही स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था।
प्रेम शुक्ला ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा था कि जैसे सूर्य विभिन्न जल संचयों से उनकी स्थिति के अनुसार जल ग्रहण करता है, उसी तरह से कर प्रणाली भी होनी चाहिए। राजा को भी अपनी प्रजा से उसकी आर्थिक स्थिति के अनुसार कर यानि की टैक्स लेना चाहिए। प्रजा को सुविधा देने की जब बारी आए तो सभी को समान रूप से व समाज के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए।
राष्ट्रीय प्रवक्ता शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने जो जीएसटी का सरलीकरण किया है वह भारत में राम राज्य स्थापित करने की टैक्स व्यवस्था का आदर्श उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का जीएसटी का सरलीकरण करना क्रांतिकारी निर्णय है जो देश की आम जनता को बड़ी राहत प्रदान करेगा। श्री शुक्ला ने कहा कि प्रथम नवरात्रि से जीएसटी कर सुधार का यह निर्णय लागू होने जा रहा है। दशहरा और दीपावली पर्व को आम व्यक्ति दिल खोलकर मना सकता है।
प्रेम शुक्ला ने कहा कि जीएसटी में सुधार करने से मांग बढ़ेगी, मांग बढ़ने से पूर्ति बढ़ेगी और पूर्ति बढ़ने से निवेश बढ़ेगा और निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था बढ़ेगी व अर्थव्यवस्था के बढ़ने से देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की इकोनोमी का नेतृत्व पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत कर रहा है। पिछली तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 फीसदी दर्ज की गई जो बड़ी उपलब्धि है। जीएसटी रिफार्म से टैक्स सिस्टम आसान हुआ है। सामानों की क्वालिटी अच्छी होगी और लोग खरीदने की स्थिति में होंगे। विकसित भारत के लिए केंद्र सरकार की साझेदारी मजबूत होगी।
श्री शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से अपने 11वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने के सरकार के इरादे के बारे में बात की थी। अब उनके नेतृत्व में केवल 20 दिन में ही जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार करते हुए तमाम जरूरी वस्तुओं पर टैक्स या तो खत्म कर दिया है या फिर काफी कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब जीएसटी लागू हुआ था, तभी हमारी सरकार ने और तत्कालीन वित्त मंत्री आदरणीय अरुण जेटली जी ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया था कि आकलन करने के बाद जनता और व्यापारियों को सहूलियत देने के लिए समय-समय पर जीएसटी में सुधार होंगे। कोविड के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के कारण इसमें देरी हुई, लेकिन सुधार योजना के अनुसार हुए। जीएसटी का जो सरलीकरण हुआ है, इसका न तो किसी चुनाव से, और, न ही किसी टैरिफ दबाव से कोई लेना-देना है। ये देश की जनता और व्यापारियों को राहत देने के लिए उठाये गए कदम हैं।
सिर्फ राजस्व संग्रह नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की जीवन गुणवत्ता सुधारना है।
प्रेम शुक्ला ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य सिर्फ राजस्व संग्रह नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की जीवन गुणवत्ता सुधारना है। टैक्स दरों की इस बड़े पैमाने पर समीक्षा से आम आदमी की रोजमर्रा की खर्चों में कमी आएगी, स्वास्थ्य और बीमा सेवाएं सस्ती होंगी, और व्यापारिक माहौल में सुगमता बढ़ेगी। यह कदम निश्चित तौर पर देश की आर्थिक ताकत को मजबूत करेगा और नई उम्मीदें जगाएगा। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार जीएसटी लागू नहीं कर पाई थी, क्योंकि राज्यों को केंद्र पर भरोसा नहीं था। उलटे कांग्रेस सरकार वैट के माध्यम से गरीब जनता और व्यापारियों पर डाके डालती थी।
श्री शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के वैट वाले शासनकाल में कोई एक समान कर दरें नहीं थीं, और राज्य प्रवेश कर जैसे अतिरिक्त शुल्क लगाते थे, जिससे सामंजस्य बिगड़ता था। राज्यों में कर रिटर्न, ऑडिट या जुर्मान में कोई एकरूपता नहीं थी, जिससे अनुपालन का बोझ बढ़ता था। उन्होंने कहा कि उस समय कमज़ोर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रावधानों के कारण दुरुपयोग संभव था, जबकि केंद्रीय निगरानी की कमी के कारण कर चोरी की गुंजाइश थी। सेवा कर के साथ दोहरा कराधान, बार-बार दरों में बदलाव और अलग-अलग ढाँचों ने विकृतियाँ पैदा कीं। इसलिए, राज्यों के सहयोग से 2017 में जीएसटी लाया गया।
श्री शुक्ला ने कहा कि अब कांग्रेस को तय करना होगा कि उसे इस कटौती का समर्थन करना है या विरोध। अगर वे विरोध करते हैं, तो जनता के सामने उनकी असलियत सामने आ जाएगी। विपक्ष के कुछ नेता 40 फीसदी टैक्स स्लैब पर सवाल उठा रहे हैं। क्या कांग्रेस पार्टी चाहती है कि तंबाकू और गुटखा पर सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लगे? उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा जीएसटी का विरोध किया जाना बताता है कि कांग्रेस सच्चाई से कोसों दूर है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री जीएसटी काउंसिल में हर निर्णय के साथ है। जीएसटी में सारे निर्णय आम सहमति से लिए जाते हैं। हर महीने का रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन बताता है कि देश आर्थिक समृद्धि पर तेज गति से अग्रसर है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र यह है कि काउंसिल में तो इनके नेता समर्थन करते हैं लेकिन बाहर राहुल गांधी उन्हीं फैसलों का विरोध करते हैं। अक्सर सरकारें छोटे-छोटे उपायों से जनता को खुश करने की कोशिश करती हैं, लेकिन मोदी जी का दृष्टिकोण अलग है- वह नागरिकों को वास्तविक राहत देने वाले बड़े कदम उठाना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसी साल के आम बजट में आयकर में 12 लाख रुपए तक की आय को कर से दी गई ऐतिहासिक छूट ने हर वर्ग के करदाताओं को अप्रत्याशित राहत दी थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिये गये निर्णयों को देखें तो साफ प्रतीत होता है कि कर प्रणाली में सुधार केवल आंकड़ों का खेल नहीं है बल्कि यह सीधे-सीधे आम नागरिक की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ प्रश्न है।
ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा और निर्माण क्षेत्र को भी कर छूट देना इस बात का संकेत है कि सरकार रोजगार और औद्योगिक विकास को गति देना चाहती है। इससे उत्पादन और खपत दोनों को बढ़ावा मिलेगा। बीमा सेक्टर पर से जीएसटी को ख़त्म कर सरकार ने आम लोगों की जिंदगी आसान की है।