जिंदल फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’अभियान में 75,000 पौधे लगाए

19 September, 2025, 5:16 pm


भुवनेश्वर / नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर जिंदल फाउंडेशन ने पूरे देश में एक बड़ा पर्यावरणीय अभियान चलाया। फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिंदल के नेतृत्व में ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों में एक ही दिन में 75,000 पौधे लगाए गए।इस अवसर पर कुरुक्षेत्र के सांसद और जिंदल स्टील  के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल ने एक वीडियो संदेश जारी कर प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उनके विकसित भारत के विजन की सराहना की।

ओडिशा में सबसे बड़ी भागीदारी – 55,000 पौधे लगे

जिंदल फाउंडेशन ने ओडिशा सरकार के राज्यव्यापी अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ के तहत सबसे अधिक योगदान दिया।55,000 पौधे ओडिशा के अंगुल, बारबिल, टेंसा और कासिया क्षेत्रों में लगाए गए।यह किसी भी एक राज्य का सबसे बड़ा योगदान रहा।अंगुल जिले में अकेले 43,000 से अधिक पौधे लगाए गए, जिससे बेनेगाडिया और डेर्जांग गांवों की 20 एकड़ से अधिक भूमि हरी-भरी हो गई।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) श्री प्रताप प्रीतिमय, सब-कलेक्टर श्री मायाधर बेहरा, तहसीलदार श्री सुषांत मिश्रा, तथा अन्य वरिष्ठ जिला अधिकारी मौजूद रहे।जिंदल स्टील की ओर से श्री पंकज मल्हन (कार्यकारी निदेशक, इंचार्ज), श्री प्रशांत होटा (प्रेसिडेंट एवं ग्रुप हेड – CSR), श्री आशीष पांडे (EVP), श्री प्रसन्ना पांडा (EVP) और श्री एस.के. शर्मा (VP) ने सक्रिय भागीदारी की।

सामुदायिक नेतृत्व में सरपंच अनिल प्रधान और तुनी साहू, जिला परिषद सदस्य दिलीप प्रधान, और समाजसेवी कुमुदा साहू, सौरव बेहरा एवं कुमारा बेहरा ने अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बारबिल, टेंसा और कासिया क्षेत्रों में चार ग्राम पंचायतों में पौधारोपण किया गया, जहां 12,000 पौधे लगाए गए। इन कार्यक्रमों का नेतृत्व श्री प्रमोद पात्रा (क्लस्टर हेड – BKT), श्री पुरुषोत्तम एमडी (यूनिट हेड, बारबिल) और श्री आर.एस. रघुवंशी (यूनिट हेड, टेंसा) ने किया।

सामुदायिक भागीदारी और पौधों का वैज्ञानिक संरक्षण

इस अभियान में व्यापक जनसहभागिता देखने को मिली।भागीदारी करने वाले प्रमुख समूहों में शामिल रहे:जिंदल स्टील के कर्मचारी महिला स्वयं सहायता समूह (SHGs)किसान क्लब और किसान उत्पादक संगठन (FPOs)स्कूल छात्र, युवा स्वयंसेवकस्थानीय पंचायत और जनप्रतिनिधि इस अभियान में फलदार और औषधीय पौधों को प्राथमिकता दी गई ताकि स्थानीय समुदाय को दीर्घकालिक पोषण, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभ मिल सकें।जिंदल फाउंडेशन वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके 100% पौधों की जीवित रहने की दर सुनिश्चित करता है। प्रत्येक पौधे की निगरानी और देखभाल की जाती है ताकि वे लंबे समय तक फलते-फूलते रहें।

शालू जिंदल का संदेश

श्रीमती शालू जिंदल, चेयरपर्सन, जिंदल फाउंडेशन ने कहा:“‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान हमारे दिल के बेहद करीब है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी हमें जोड़ता है। मां के नाम पर पौधे लगाना प्रकृति और मानवता दोनों की सेवा करने का संदेश देता है। यह प्रधानमंत्री के हरित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में हमारा योगदान है।”

कंपनी नेतृत्व की प्रतिबद्धता

श्री पंकज मल्हन, कार्यकारी निदेशक (इंचार्ज), जिंदल स्टील ने कहा:“सस्टेनेबिलिटी हमारी संचालन प्रक्रिया के केंद्र में है। इस पहल के माध्यम से हम समुदायों के साथ सार्थक जुड़ाव कर सके और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर सके।”

श्री प्रशांत होटा, प्रेसिडेंट एवं ग्रुप हेड (CSR एवं सस्टेनेबिलिटी) ने कहा:“हम सिर्फ पेड़ नहीं लगाते, बल्कि पूरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करते हैं। हर पौधे को वैज्ञानिक देखभाल और नियमित ट्रैकिंग के जरिए दीर्घकालिक संरक्षण दिया जाता है।”

सरकारी अधिकारियों की सराहना

अंगुल के ADM श्री प्रताप प्रीतिमय ने जिंदल फाउंडेशन की पहल की सराहना करते हुए कहा:“यह पौधारोपण अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रयास है, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में फाउंडेशन की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है।”

जिंदल फाउंडेशन की पर्यावरणीय पहलें

जिंदल फाउंडेशन लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण के लिए कई अभिनव पहलें चला रहा है, जिनमें शामिल हैं:

बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान ,जल संरक्षण और समेकित वाटरशेड विकास बागवानी (वाड़ी मॉडल) का निर्माण वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर्स द्वारा भूजल रिचार्ज कार्बन सिंक प्रोजेक्ट्स स्कूलों में ईको क्लब्स और पर्यावरण शिक्षामहिलाओं के लिए ग्रीन लिवelihood ट्रेनिंगअपने आदर्श वाक्य "Caring Beyond Bounds" के अनुरूप, फाउंडेशन लगातार पर्यावरणीय जिम्मेदारी को अपनी सामाजिक विकास परियोजनाओं का अभिन्न हिस्सा बना रहा है।