रेत की लूट से लेकर राहत फंड तक – भगवंत–केजरीवाल जोड़ी को देना होगा जवाब”

चंडीगढ़, 20 सितम्बर
एक तरफ़ पंजाब प्राकृतिक त्रासदी का सामना कर रहा है, जिसे सरकार की लापरवाही ने आपदा में बदल दिया, और दूसरी तरफ़ ज़रूरी राहत, ख़ासकर आर्थिक राहत देने के बजाय, पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार राज्य की जनता को गुमराह कर रही है। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश महासचिव अनिल सारिन का। उनका कहना है कि पंजाब सरकार के खाते में पहले से ही 12,000 करोड़ रुपये आपदा राहत निधि के रूप में मौजूद हैं।
“रोज़-नित नए झूठ… इस सरकार ने सचमुच झूठ बोलने में पीएचडी कर ली है। सच्चाई सामने रख दी जाए तब भी वे बेशर्मी से उसे नकार देते हैं और पंजाब को धोखा देते रहते हैं,” सारिन ने तंज कसा।
सारिन ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा में रखी गई सीएजी रिपोर्ट खुद उनकी झूठ की पोल खोलती है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार—
वित्तीय वर्ष 2020–21 में SDRF फंड का प्रारंभिक बैलेंस ₹6,999.48 करोड़ था और समापन बैलेंस ₹7,334 करोड़।
वर्ष 2021–22 में ओपनिंग बैलेंस ₹7,334 करोड़ और क्लोज़िंग बैलेंस ₹8,194.80 करोड़।
वर्ष 2022–23 में ओपनिंग बैलेंस ₹8,194.80 करोड़ और क्लोज़िंग बैलेंस ₹9,041.74 करोड़।
वित्तीय वर्ष 2023–24 की सीएजी रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत नहीं हुई है।
सारिन ने कहा कि भगवंत मान सरकार द्वारा विधानसभा में पेश सीएजी रिपोर्ट से साफ़ है कि 31.03.2023 तक फंड ₹9,041.74 करोड़ था। इसके बाद 2023–24 और 2024–25 में प्राप्त फंड जोड़ने पर यह राशि कुल ₹12,000 करोड़ हो जाती है।
उन्होंने कहा कि स्वयं सरकार के कैबिनेट सहयोगी बरिंदर गोयल और हरदीप मुंडियान ने भी 12,000 करोड़ रुपये होने की बात स्वीकार की है और यहाँ तक कि राज्य के मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में राज्य के वित्तीय रिकॉर्ड में इसका उल्लेख किया।
“प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित ₹1,600 करोड़ की तात्कालिक राहत जोड़ने पर राज्य आपदा फंड में कुल ₹13,600 करोड़ की राशि उपलब्ध है। इसके बावजूद भगवंत मान कहते हैं कि पैसा नहीं है।
यह केवल वित्तीय कुप्रबंधन नहीं है—यह जानबूझकर की गई लापरवाही और धोखा है,” सारिन ने कहा। “भगवंत–केजरीवाल सरकार को इस ‘मान्न निर्मित आपदा’ और पंजाब की जनता के लिए निर्धारित ₹12,000 करोड़ की ग़ायब राशि का पूरा हिसाब देना होगा।”