सेवा पर्व 2025 : विकसित भारत के रंग, कला के संग

नई दिल्ली, 22 सितम्बर 2025 रिपोर्ट: ब्रॉडकास्ट मंत्रा न्यूज़ डेस्क
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सेवा पर्व 2025 का आयोजन 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक देशभर में किया जा रहा है। यह पर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विज़न से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य सेवा (Sewa), रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव को एक साथ लाकर नागरिकों, संस्थानों और समुदायों को एक साझा आंदोलन से जोड़ना है।
21 सितम्बर को सेवा पर्व के अंतर्गत “विकसित भारत के रंग, कला के संग” थीम पर कई राज्यों में कला कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
चेन्नई, तमिलनाडु – लालित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र में भव्य आयोजन
ललित कला अकादमी, चेन्नई और कलाक्षेत्र फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस विशाल कार्यक्रम में 2500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें छात्र, प्रोफेशनल कलाकार और कला प्रेमी शामिल रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियां:
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श्री सुरेश कुमार चिकलला, निदेशक, कलाक्षेत्र फाउंडेशन
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श्रीमती तमिलारसी, पब्लिक प्रॉसीक्यूटर, क्राइम इन्वेस्टिगेशन विंग (दक्षिण क्षेत्र, चेन्नई)
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थिरु कलैमामणि ट्रॉट्स्की मरुडु, अध्यक्ष, एमजीआर गवर्नमेंट फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
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श्री थोट्टा थरानी, प्रसिद्ध भारतीय आर्ट डायरेक्टर (अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त)
इसके अतिरिक्त वरिष्ठ और प्रतिष्ठित कलाकारों जैसे श्री ए. विश्वाम, श्री सुनील कुमार, श्री शिबा प्रसाद साहू, श्री जी. गुरुनाथन, डॉ. शेषाद्रि, श्री उमाशंकर, और श्री एम. सोवन कुमार (क्षेत्रीय सचिव, ललित कला अकादमी, चेन्नई) ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को विशेष बनाया।
रघुराजपुर, ओडिशा – महिला पारंपरिक चित्रकारों की सृजनात्मक कार्यशालपूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (EZCC) के तत्वावधान में रघुराजपुर हेरिटेज विलेज, पुरी में 70 महिला पारंपरिक चित्रकारों ने भाग लिया।
इस आयोजन में कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों ने भाग लेकर महिलाओं को प्रोत्साहित किया, जिनमें शामिल हैं:
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श्री दिनबन्धु महापात्र
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श्री बिष्णनाथ स्वैन
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श्री बिभु महापात्र
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श्री लिंगराज मोहराना (शिल्प गुरु)
इन वरिष्ठ कलाकारों ने प्रतिभागियों को भारतीय कलाओं को गौरव के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
पुरी, ओडिशा – कला और क्राफ्ट कॉलेज में युवाओं की रचनात्मकता
ललित कला अकादमी, भुवनेश्वर द्वारा कला ग्राम और शिल्प ग्राम के सहयोग से पुरी स्थित ओरिसा कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में 120 छात्रों और कलाकारों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई।
मार्गदर्शन करने वाले प्रमुख व्यक्तित्व:
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श्री देवेन्द्र दास (शांतिनिकेतन के पूर्व छात्र)
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श्री नृसिंहनाथ नायक, आर्ट एजुकेशन इंस्ट्रक्टर
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श्री दुर्गा माधव कर, प्रिंसिपल, ओरिसा कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट
स्वच्छता अभियान – सेवा का वास्तविक रूप
सेवा पर्व के अंतर्गत देशभर में स्वच्छता अभियानों का भी आयोजन किया गया।
इनमें प्रमुख स्थान शामिल हैं:
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इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
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सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग (सीसीआरटी), दमोह (मध्य प्रदेश)
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विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
इन अभियानों ने संदेश दिया कि स्वच्छता ही सच्ची सेवा है। यह पहल नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए प्रेरित कर रही है।
डिजिटल भागीदारी और पब्लिक पोर्टल
सेवा पर्व में आम नागरिक भी ऑनलाइन जुड़ सकते हैं:
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संस्थागत अपलोड:
सभी सांस्कृतिक संस्थान अपने कार्यक्रम सेवा पर्व पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm -
व्यक्तिगत योगदान:
कोई भी व्यक्ति “विकसित भारत के रंग, कला के संग” थीम पर अपनी कला रचना बनाकर इस पोर्टल पर अपलोड कर सकता है।
व्यक्तिगत प्रतिभागियों के लिए लिंक: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants -
सोशल मीडिया अभियान:
अपनी कला और फोटोज को सोशल मीडिया पर #SewaParv के साथ साझा करें।
सारांश
21 सितम्बर को आयोजित कार्यक्रमों ने तीन प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों को एक सूत्र में पिरोया —
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रघुराजपुर की पारंपरिक महिला चित्रकारों ने भारत की जीवित विरासत को प्रदर्शित किया।
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पुरी के छात्रों और युवा कलाकारों ने अपनी सृजनात्मक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।
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चेन्नई में हजारों लोगों की भागीदारी और दिग्गज कलाकारों की उपस्थिति ने सेवा पर्व को भव्य स्वरूप प्रदान किया।
इसके साथ ही स्वच्छता अभियानों ने यह स्पष्ट किया कि कला और सेवा साथ मिलकर ही भारत को विकसित भारत @2047 की ओर अग्रसर कर सकते हैं।
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