नरेंद्र मोदी ने सड़क, रेल व हवाई नेटवर्क के साथ-साथ सांस्कृतिक-धार्मिक रूप से भी पूर्वोत्तर को देश से जोड़ा: बिप्लब देब

नई दिल्ली, 23 सितंबर।
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और पश्चिम त्रिपुरा के सांसद बिप्लब कुमार देब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने न केवल सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के जरिए पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ा है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से भी इस क्षेत्र को देश के साथ गहराई से जोड़ा है।
बिप्लब देब ने कहा कि त्रिपुरा का माता त्रिपुरसुंदरी मंदिर अब पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का केंद्र बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने नवरात्रि के प्रथम दिन मंदिर में माता त्रिपुरसुंदरी के नवरूप का दर्शन कर और मंदिर के नव-विकसित स्वरूप का उद्घाटन कर पूरे क्षेत्र की जनता की आस्था का सम्मान किया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर प्रसाद परियोजना के तहत 2021 में मंदिर परिसर के आधुनिकीकरण का काम शुरू हुआ। इस दौरान मुख्य मंदिर और गर्भगृह को यथावत रखते हुए श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं का निर्माण किया गया। परियोजना के लिए केंद्र सरकार की ओर से 37.8 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जो बाद में बढ़ाकर लगभग 51 करोड़ रुपये कर दिए गए।
बिप्लब देब ने कहा,
"माता त्रिपुरसुंदरी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। यह मंदिर केवल हिंदू समाज ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के जनजातीय समुदाय और बांग्लाभाषी लोगों की आस्था व एकता का प्रतीक है।"
उन्होंने वाममोर्चा पर निशाना साधते हुए कहा कि लेफ्ट सरकार ने कभी इस मंदिर के विकास की दिशा में ठोस पहल नहीं की।
"मेरी स्मृति में नहीं है कि किसी कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री ने माता त्रिपुरसुंदरी के दर्शन किए हों। जो जनप्रतिनिधि जनता की आस्था का सम्मान न कर सके, उनकी सोच स्वभाव से ही जनविरोधी रही है," देब ने कहा।
देब ने दावा किया कि भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की व्यापक योजना तैयार की गई। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में माता त्रिपुरसुंदरी मंदिर का विकास उसी का हिस्सा है।
उन्होंने विश्वास जताया कि जिस तरह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर और अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, उसी प्रकार अब त्रिपुरा भी देश-विदेश के पर्यटकों का केंद्र बनेगा।
इसके साथ ही उदयपुर में 97.70 करोड़ रुपये की लागत से 51 शक्तिपीठों के स्वरूप तैयार किए जा रहे हैं और लगभग 180 करोड़ रुपये से कई अन्य सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों का विकास हो रहा है।
बिप्लब देब ने कहा,
"प्रधानमंत्री मोदी केवल भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव को भी प्राथमिकता देते हैं। त्रिपुरसुंदरी मंदिर का नया स्वरूप पूर्वोत्तर और देश के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक पुल साबित होगा।"