केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों का 29वां सम्मेलन-2025 (COCSSO) चंडीगढ़ में शुभारंभ

चंडीगढ़; 25 सितंबर, 2025 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) 25 और 26 सितंबर, 2025 को चंडीगढ़ में केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों का 29वां सम्मेलन (CoCSSO) आयोजित कर रहा है।
यह सम्मेलन केंद्रीय और राज्य सांख्यिकीय एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य योजनाकारों, नीति निर्माताओं और जनता के लिए साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में सहायता हेतु विश्वसनीय, समयबद्ध और विश्वसनीय आँकड़े सुनिश्चित करना है। COCSSO ने 1971 से केंद्र-राज्य समन्वय को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस वर्ष के COCSSO का विषय “स्थानीय स्तर के शासन को सुदृढ़ बनाना' है। इस सम्मेलन में 30 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों [योजना, विकास और सांख्यिकीय संगठन]; केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI), भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (IASRI), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) जैसे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विशेषज्ञों, विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य हितधारकों के लगभग 350 प्रतिभागियों ने साक्ष्य-आधारित शासन के लिए सांख्यिकीय प्रणालियों को मजबूत करने और विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने पर विचार-विमर्श किया।
29वें COCSSO सम्मेलन में हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी; केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), योजना एवं संस्कृति मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह; हिमाचल प्रदेश सरकार के राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री भवानी सिंह पठानिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग; हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी और पंजाब सरकार के मुख्य सचिव श्री के.ए.पी. सिन्हा ने उद्घाटन सत्र में अपने संबोधनों के माध्यम से सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की।
हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रभावी शासन और राष्ट्र निर्माण में आंकड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, और लक्षित सेवा वितरण, पारदर्शिता और नागरिक कल्याण के लिए हरियाणा की डेटा-संचालित पहलों का उदाहरण दिया। केंद्र और राज्यों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा- "आंकड़ों के बिना सरकार अधूरी है - कोई भी योजना तभी प्रभावी होती है जब वह विश्वसनीय आंकड़ों पर आधारित हो।" उन्होंने आगे ज़ोर देकर कहा कि "प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आधुनिक सांख्यिकीय उपकरणों का उपयोग भारत के 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण होगा।"
माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जोर देकर कहा कि सशक्त स्थानीय शासन की शुरुआत सशक्त स्थानीय आँकड़ों से होती है, क्योंकि आँकड़े ही समुदाय की आवश्यकताओं को ठोस योजनाओं में बदलते हैं। उन्होंने कहा, “समयबद्ध, विश्वसनीय और विस्तृत आँकड़ों की बढ़ती माँग के साथ सांख्यिकीविद् सटीक व्याख्या और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाते हैं।” आगे मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि स्थानीय स्तर पर सुशासन के लिए सूक्ष्म और विश्वसनीय आँकड़े आवश्यक हैं, जो योजनाओं का मार्गदर्शन करें, प्रगति पर नज़र रखें और आवश्यकतानुसार सुधार को सक्षम बनाएं। इसलिए स्थानीय सांख्यिकीय तंत्र को मजबूत करना प्रभावी स्थानीय शासन से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री भवानी सिंह पठानिया ने प्रभावी नियोजन के लिए विकेन्द्रीकृत, उच्च-गुणवत्ता वाले आंकड़ों के महत्व, 73वें और 74वें संशोधनों के माध्यम से स्थानीय सरकारों के सशक्तिकरण, और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की पहलों जैसे पैमाना डैशबोर्ड और वनों पर पर्यावरण लेखांकन 2025 पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के 68.16% वन क्षेत्र और मजबूत लेखा प्रणाली की भी प्रशंसा की, जो स्थायी संसाधन प्रबंधन और साक्ष्य-आधारित नियोजन के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती है।
इसके अलावा, अपने उद्घाटन भाषण में, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने शासन, नियोजन और समावेशी विकास हेतु एक रणनीतिक उपकरण के रूप में आँकड़ों के उपयोग में सांख्यिकीय पेशेवरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने सटीक नीति निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए आँकड़ों पर आधारित निर्णय लेने हेतु सिविल सेवा दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि मज़बूत राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्राप्त करने के लिए, केंद्र और राज्यों को तीन प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए - संग्रहण की आवृत्ति और प्रसार की समयबद्धता में सुधार करके आँकड़ों की नियमितता, ज़िला-स्तरीय आँकड़ों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आँकड़ों की बारीकियों में सुधार और आँकड़ों के सामंजस्य पर काम करना ताकि आँकड़ा राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर का भी हो।
पंजाब के मुख्य सचिव, के.ए.पी. सिन्हा ने राज्य सांख्यिकीय प्रणालियों को मज़बूत करने की दिशा में इस तरह के सम्मेलन के आयोजन की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि प्रभावी नीति कार्यान्वयन और मूल्यांकन के लिए सटीक आँकड़े आवश्यक हैं और रोज़गार एवं बेरोज़गारी सर्वेक्षण की ज़िला स्तर पर एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सराहना की।
COCSSO के उद्घाटन सत्र के अवसर पर, MoSPI ने अपने प्रकाशन “Children in India 2025” और “Environmental Accounting on Forest - 2025”, जारी किए, जो बाल विकास और पर्यावरणीय संसाधनों पर साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
इस कार्यक्रम में MoSPI की नई वेबसाइट और GoIStats मोबाइल ऐप के iOS संस्करण का भी शुभारंभ हुआ, जिससे भारत के आधिकारिक आँकड़े नागरिकों के और करीब आ गए। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में किए जा रहे डिजिटल नवाचार के अनुरूप, केंद्रीय क्षेत्र की अवसंरचना परियोजनाओं की बेहतर निगरानी के लिए पैमाना(PAIMANA) पोर्टल की शुरुआत की गई, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप NMDS 2.0 (एनएमडीएस 2.0) मेटाडेटा पोर्टल सभी मंत्रालयों और विभागों से मेटाडेटा का एकीकृत संग्रह उपलब्ध कराता है।
दो दिवसीय COCSSO में स्थानीय स्तर के शासन को मज़बूत करने और भारतीय सांख्यिकी प्रणाली को उन्नत बनाने पर केंद्रित तकनीकी सत्र होंगे। पहले दिन राज्य-स्तरीय सांख्यिकीय क्षमता निर्माण, बुनियादी ढाँचे का विकास और नवीन डेटा प्रबंधन पद्धतियों जैसी प्रमुख पहलों पर चर्चा होगी, जबकि दूसरे दिन सतत विकास लक्ष्यों की उप-राष्ट्रीय निगरानी, डेटा सामंजस्य और राज्य सांख्यिकीय प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोणों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 29वां COCSSO 26 सितंबर 2025 को समाप्त होगा।