एनडीएमए का 21वां स्थापना दिवस: तकनीक आधारित आपदा प्रबंधन की ओर मजबूत कदम

26 September, 2025, 10:24 pm

 

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2025
पीआईबी, दिल्ली

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने आज अपना 21वां स्थापना दिवस नई दिल्ली में मनाया। इस वर्ष का थीम था "टेक्नोलॉजी फॉर रिस्क रिडक्शन – फॉर ए सेफर नेशन" यानी जोखिम न्यूनीकरण के लिए तकनीक – सुरक्षित राष्ट्र की ओर। यह थीम आपदा प्रबंधन में उभरती तकनीकों के महत्व को रेखांकित करती है।

कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में प्रस्तुत आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) के लिए 10 सूत्रीय एजेंडा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह एजेंडा न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए आपदा प्रबंधन की दिशा में एक मार्गदर्शक सिद्धांत बन गया है।

प्रधानमंत्री का लक्ष्य: जीरो कैजुअल्टी

श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सरकार लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि किसी भी आपदा में शून्य जनहानि (Zero Casualty) का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
उन्होंने कहा,

"आपदाओं से डरने या बचने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें समझना, उनसे सीखना और उन्हें तैयारी, नवाचार तथा दीर्घकालिक विकास के अवसर में बदलना चाहिए।"

उन्होंने आपदा प्रबंधन में अंतिम छोर तक अर्ली वार्निंग सिस्टम पहुँचाने के महत्व पर विशेष बल दिया।

आपदा मित्र और आपदा सखी: सामुदायिक भागीदारी की मिसाल

  • वर्तमान में देश में 1 लाख से अधिक प्रशिक्षित 'आपदा मित्र' (Disaster Volunteers) तैयार हैं, जिनमें 20% महिलाएं हैं जिन्हें आपदा सखी कहा जाता है।

  • युवा आपदा मित्र योजना के तहत 2.5 लाख नए स्वयंसेवकों को एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स जैसे संस्थानों से प्रशिक्षित किया जा रहा है।

तकनीकी नवाचार की भूमिका

एनडीएमए सदस्य श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बिग डेटा और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसी उभरती तकनीकें आपदा प्रबंधन को और तेज, सटीक और प्रभावी बना रही हैं।

"तकनीक हमारी ढाल है, लेकिन एक आपदा-प्रतिरोधी भारत केवल तकनीक से नहीं बनेगा। इसके लिए सामुदायिक भागीदारी, क्षमता निर्माण और सामूहिक संवेदनशीलता जरूरी है।"

कार्यक्रम में जारी प्रमुख प्रकाशन

कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन को सशक्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश, रिपोर्ट और ज्ञानवर्धक सामग्री जारी की गई:

  1. ड्रोन/यूएवी के उपयोग हेतु गाइडलाइन एवं एसओपी

  2. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMAs) को सशक्त करने के दिशा-निर्देश

  3. एनडीएमए केस स्टडी संकलन

  4. लाइटनिंग सेफ्टी जागरूकता अभियान की रिपोर्ट

  5. 'लिटिल चाणक्य और आपदा से बचाव' कॉमिक सीरीज – आपदा सुपरहीरो की कहानियां

  6. कूलिंग सेंटर्स के लिए गाइडलाइन

  7. दिल्ली हीट एक्शन प्लान 2025 – कार्यान्वयन रिपोर्ट

  8. कूल रूफ अपनाने के लिए व्यावहारिक गाइड (RMI के सहयोग से)

महत्वपूर्ण घोषणाएं

  • एनडीएमए और नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) के बीच डिजिटल आपदा तैयारी और जन-जागरूकता को मजबूत करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर

  • विशेष फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन, जिसमें एनडीएमए की 21 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियां और मील के पत्थर प्रदर्शित किए गए।

कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख सहभागी

इस अवसर पर एनडीएमए के सदस्य, सचिव और अधिकारी, एनडीआरएफ (NDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, अंतरराष्ट्रीय व संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधि, निजी संस्थान, अकादमिक, एनजीओ और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मौजूद रहे।


एनडीएमए का 21वां स्थापना दिवस भारत की आपदा प्रबंधन क्षमता में तकनीकी नवाचार और सामुदायिक सहभागिता की नई दिशा को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 सूत्रीय एजेंडे और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत न केवल आपदा प्रबंधन में आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि विश्व को भी आपदा जोखिम न्यूनीकरण का नेतृत्व प्रदान कर रहा है।