सेवा पर्व 2025 : विकसित भारत के रंग, कला के संग

नई दिल्ली।
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पर्व 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष का थीम है – "विकसित भारत के रंग, कला के संग"। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गर्व के माध्यम से देशवासियों को जोड़ना और राष्ट्र निर्माण की दिशा में सामूहिक संकल्प को मजबूत करना है।
28 सितंबर 2025 को देशभर के विभिन्न शहरों में भव्य कला कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इनमें नई दिल्ली, चंडीगढ़, कोझिकोड, पणजी, भुवनेश्वर और प्रयागराज प्रमुख केंद्र रहे। इन कार्यक्रमों में छात्रों, कलाकारों, शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों, समुदायों और सामाजिक संगठनों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
नई दिल्ली – एनजीएमए, जयपुर हाउस, इंडिया गेट
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (NGMA) द्वारा ललित कला अकादमी, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित भव्य कला कार्यशाला में 15,000 से अधिक छात्र, कलाकार और कला प्रेमी शामिल हुए।
इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल, पद्मश्री सम्मानित कलाकार श्याम शर्मा और वासुदेव कामथ, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सदस्य सचिव, डीजी एनजीएमए सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्य अतिथियों ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि कला के माध्यम से भारत की विविधता में एकता और विकसित भारत की परिकल्पना को जीवंत किया जा सकता है।
चंडीगढ़ – कलाग्राम, मनीमाजरा
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NZCC) और चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 500 से अधिक प्रतिभागियों के साथ कला कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में श्री नवीन शर्मा, उत्तर क्षेत्र प्रमुख, संस्कार भारती, पंचकूला ने युवा कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि रचनात्मकता के माध्यम से सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त रूप से अभिव्यक्त करना चाहिए।
कोझिकोड, केरल – वेदव्यास विद्यालय, मलप्परम्बु
सारस्वती विद्यापीठम कोझिकोड और दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (SZCC), तंजावुर के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यशाला में वरिष्ठ लेखक और कलाकार श्री एम. श्रीहर्षन, सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. विक्रमन, म्यूरल पेंटिंग विशेषज्ञ श्री सासी एदावरद, सामाजिक कार्यकर्ता एवं कलाकार श्री बालचंद्रन ए.के., तथा श्री कनकादोस (डायरेक्टर, मथा, पेराम्बरा) ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।
यहां पारंपरिक और आधुनिक कला का अनूठा संगम देखने को मिला।
पणजी, गोवा – संस्कृती भवन, पट्टो-पणजी
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (WZCC), उदयपुर के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में स्थानीय समुदाय ने सक्रिय भागीदारी की।
कार्यक्रम में श्री राजेश फाल्देसाई, विधायक, कुम्भारजुआ ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि कला के माध्यम से विकसित भारत की आकांक्षाओं को अभिव्यक्ति दें।
भुवनेश्वर, ओडिशा – ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र
भुवनेश्वर में आयोजित इस कार्यशाला में 600 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
श्री बाबू सिंह, विधायक, एकमरा विधानसभा क्षेत्र, भुवनेश्वर ने छात्रों और कलाकारों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी ही विकसित भारत की नींव है।
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – एम.पी. मेमोरियल स्कूल, तेलियरगंज
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष कार्यशाला को स्वच्छता ही सेवा अभियान के साथ जोड़ा गया।
छात्रों ने स्वच्छता आधारित अपशिष्ट सामग्री से उपयोगी वस्तुएं तैयार कर कला प्रदर्शित की।
इस पहल का उद्देश्य सतत विकास और सांस्कृतिक रचनात्मकता को जोड़ना था।
डिजिटल भागीदारी
सेवा पर्व 2025 में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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संस्थागत अपलोड: देशभर के सांस्कृतिक संस्थान अपनी गतिविधियों को पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं – https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm
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नागरिक योगदान: कोई भी व्यक्ति अपनी कलाकृति या फोटो पोर्टल पर अपलोड कर सकता है और #SewaParv हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर साझा कर सकता है।
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ब्रांडिंग सामग्री: कार्यक्रम की प्रचार सामग्री डाउनलोड हेतु गूगल ड्राइव लिंक पर उपलब्ध है।
28 सितंबर को आयोजित इन भव्य आयोजनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि कला और सेवा के माध्यम से देश को जोड़ना ही विकसित भारत की दिशा में सबसे बड़ा कदम है।
नई दिल्ली का मेगा आयोजन जहां 15,000 प्रतिभागियों का साक्षी बना, वहीं चंडीगढ़, कोझिकोड, गोवा, भुवनेश्वर और प्रयागराज में स्थानीय स्तर पर उत्साह और नवाचार देखने को मिला।
सेवा पर्व 2025 ने भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को एक सूत्र में पिरोते हुए विकसित भारत@2047 के संकल्प को मजबूत किया।