माधव उपनगर – मानेसर में विजयादशमी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष उत्सव ऐतिहासिक रूप से सम्पन्न

5 October, 2025, 8:14 pm

 

माधव उपनगर, मानेसर, 05 अक्टूबर:
माधव उपनगर में इस वर्ष का विजयादशमी उत्सव अत्यंत विशेष और ऐतिहासिक रहा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में नगरवासियों ने इस आयोजन को उत्साह, अनुशासन और सामाजिक एकता के साथ भव्य रूप से मनाया। पूरे क्षेत्र में राष्ट्रभक्ति, संस्कार और सामूहिक ऊर्जा का अनुपम वातावरण देखने को मिला।

कार्यक्रम में डॉ. इंद्रजीत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने प्रेरक वक्तव्य में उन्होंने कहा – “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीते सौ वर्षों में समाज को एकता, सामाजिक समरसता और नैतिक मूल्यों से जोड़े रखने का कार्य किया है। शताब्दी वर्ष इस निरंतरता का प्रमाण है।”

उन्होंने आगे कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण और नैतिकता पर आधारित जीवन ही सच्ची देशभक्ति का रूप है।

हरियाणा प्रांत के ज्वाइन आरएसएस प्रमुख अमन जी ने कहा –

 “संघ कालखंड के अनुसार स्वयं में परिवर्तन करता रहा है, यही इसकी शक्ति है।”उन्होंने संघ के सामाजिक समरसता अभियानों – ‘एक शमशान, एक मंदिर’, राष्ट्रीय आपदाओं में सेवा कार्यों और ‘स्वदेशी अपनाओ’ जैसे अभियानों को संघ की पहचान बताया।
अमन जी ने ‘पंच परिवर्तन’ की अवधारणा प्रस्तुत करते हुए कहा कि – व्यक्ति निर्माण ही समाज और राष्ट्र निर्माण का मूल आधार है।

अनुशासित पथसंचलन बना केंद्र आकर्षण का

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा स्वयंसेवकों का अनुशासित पथसंचलन, जो भागरोला स्कूल से प्रारंभ होकर नगर मार्गों से होते हुए पुनः वहीं सम्पन्न हुआ।
मार्ग में नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया।
“भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के जयघोष से सम्पूर्ण क्षेत्र राष्ट्रभावना से गूंज उठा।

शताब्दी वर्ष का प्रेरक संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष केवल समय का पड़ाव नहीं, बल्कि संघर्ष, सेवा और संस्कारों की शताब्दी यात्रा हैं।
यह वह संगठन है जिसने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के भाव को समाज में साकार किया।
विजयादशमी का यह पर्व हमें स्मरण कराता है कि –

 “जब व्यक्ति राष्ट्र के लिए समर्पित होता है, तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव होता है।”

 कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक, स्वयंसेवक, मातृशक्ति और युवा वर्ग ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
उत्सव का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जहां सभी ने एक स्वर में राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया।

 माधव उपनगर, मानेसर से —
संघ के शताब्दी वर्ष में एकता, सेवा और संस्कार की मिसाल प्रस्तुत करता ऐतिहासिक उत्सव।